मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार 18 जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक राजस्व महाअभियान 2.0 संचालित किया जा रहा हैं। महाअभियान का प्रथम चरण इस वर्ष जनवरी से मार्च माह की अवधि में संचालित कर राजस्व प्रकरणों का वृहद स्तर पर निराकरण किया गया था।
भोपाल। प्रदेश में नामांतरण, बंटवारा सहित अन्य राजस्व से जुड़े लंबित मामलों के तेजी के साथ निराकरण के लिए पटवारी और राजस्व निरीक्षक संविदा पर रखे जाएंगे। इसमें सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षक को रखा जाएगा। इसके लिए कलेक्टरों को आवश्यकता का आकलन कर नियुक्ति प्रक्रिया करने का कहा गया है।
ड्रोन से होगा सर्वे —
प्रदेश में 18 जुलाई से फिर राजस्व महाभियान प्रारंभ किया है। इसमें नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के लंबित मामलों का निराकरण प्राथमिकता से किया जाएगा, साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जो पात्र किसान छूट गए हैं, उनका नाम शामिल किया जाएगा। ड्रोन से सर्वे होगा।
सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को अवसर —
इन सभी कामों में पटवारी और राजस्व निरीक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगा। जिन जिलों में इनकी कमी है, उन्हें पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे संविदा सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को रख लें ताकि उनके अनुभव के माध्यम से जिस उद्देश्य से अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है, उसकी पूर्ति हो सके।
कई जिलों में भू-अभिलेख व नक्शे अपडेट नहीं —
गौरतलब है कि प्रदेश के कई जिलों में भू-अभिलेख व नक्शे अपडेट नहीं होने के कारण नया मास्टर प्लान लागू नहीं हो पा रहा है। प्लान में शामिल नए इलाकों में टीएंडसीपी की विकास अनुज्ञा और नगर निगम से भवन या कॉलोनी निर्माण की अनुमति भी नहीं दी जा रही है या इसमें परेशानी आ रही है। टीएंडसीपी का सिस्टम भू-अभिलेख के ऑनलाइन सिस्टम से लिंक है। इसके कारण ग्वालियर, भिंड, दतिया, रतलाम, बैतूल और नीमच आदि जिलों में नए शामिल क्षेत्रों का विकास ठप पड़ गया है। गड़बड़ी दूर करने के लिए कई बार कोशिश भी की गई, लेकिन सुधार नहीं हो पा पाया।

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