धार। बरषा बिगत सरद रितु आई। लछमन देखहु परम सुहाई।। रामायण की यह चौपाई को जब सीता माता का हरण करके रावण अशोक वाटिका में ले गया था। तब लंका के ऊपर चढ़ाई करते समय यह कहावत लक्ष्मण जी ने कही थी। उसके बाद इस कहावत को चरितार्थ करते हुए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जिसमें शरद पूर्णिमा का भंडारा एक विशेष होता है। इस भंडारे में माता के भक्त शरद पूर्णिमा के उपलक्ष में भंडारों का आयोजन करते हैं। जहां पर हजारों की संख्या में भक्त लोग भोजन प्रसादी ग्रहण करते हैं। ऐसा ही एक भंडारा धार जिला मुख्यालय से करीब सात आठ किलोमीटर दूर माफी पुरा ग्राम पंचायत में लगातार 10 वर्षों से किया जा रहा है। उक्त भंडारे में आसपास के ग्रामीणों सहित कई हॉस्टलों की बच्चियां भोजन प्रसादी ग्रहण करने पहुंचती है।

भंडारे का आयोजन दिलीप सिंह जी भाबर एवं उनके परिवार से ही उनके सुपुत्र शिवा उर्फ राज भाबर के द्वारा इस आयोजन में अहम भूमिका निभाई जाती है। यहां पर मुख्य अतिथियों सहित मां की आराधना एवं महारती के बाद विशाल भंडारे का आयोजन होता है।
दिलीप बाबर जी एवं उनके सुपुत्र शिवा उर्फ राज भाबर द्वारा बताया गया कि इस भंडारे में इस वर्ष भी मां की आराधना के साथ-साथ हवन पूजन के पश्चात महाआरती के बाद भंडारे का शुभारंभ होगा। जिसमें लगभग 10000 से 12000 के आसपास माता के भक्त भंडारे में पहुंचकर भोजन प्रसादी का आनंद लेंगे। इस वर्ष माता के भोजन प्रसादी में राजनेताओं सहित सरकारी कर्मचारी व समाजसेवी उपस्थित रहेंगे।
भोजन प्रसादी एवं विशाल भंडारे का आयोजन दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को ग्राम माफी पूरा तिरला से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर होगा।
भंडरा प्रारम्भ होने का समय करीब दो से तीन बजे के आसपास का रहेगा जो ढलती शाम तक भक्तों के आगमन पर निर्भर रहेगा।

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