25/10/2025

madhyabharatlive

Sach Ke Sath

देवी अहिल्याबाई होल्कर त्रि-शताब्दि महोत्सव आयोजित।

धार। हमारे लिए आज की स्थिति में अहिल्याबाई का चरित्र आदर्श के समान है अपने बड़े राज्य को केवल सम्भालना नहीं, बड़ा करना और केवल राज्य को बड़ा नहीं करना अपितु उसको सुराज्य के रूप में स्थापित करना। उनके नाम के पीछे पुण्यश्लोक शब्द है पुण्यश्लोक उस शासक को कहते हैं जो राजा अपनी प्रजा को सब प्रकार के अभावों से मुक्त करता है, दुःख से मुक्त करता है।

अपनी प्रजा को रोजगार मिले इसके लिए उन्होंने उद्योगों का निर्माण किया और ऐसा पक्का निर्माण किया कि महेश्वर का वस्त्र उद्योग आज भी चलता है और बहुत लोगों को रोजगार देता है। देवी अहिल्याबाई ने प्रजा के हर दुर्बल,पिछड़े ,वंचित तथा शोषित वर्ग के लोगों का उद्धार किया। उक्त विचार देवी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी वर्ष के रूप में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विनीताजी धर्म ने व्यक्त किए।

पुण्य श्लोका देवी अहिल्याबाई होल्कर महोत्सव को पीथमपुर के रामरतन पटेल नगर के शिवमंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में सेंकड़ों भक्तों की उपस्थिति में देवी अहिल्याबाई के जीवन चरित्र तथा तथा उनके द्वारा बनाये गये देशभर में शिव मंदिर उनकी शिवभक्ति आज भी समाज को आध्यात्मिक रूप से समाज को संगठित करती हैं।

कार्यक्रम के संयोजक कमल पटेल ने बताया कि भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें मुख्य वक्ता विनीताजी धर्म,जनजाति कार्य प्रमुख श्री रूपसिंहजी नागर, प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री जितेन्द्रदास महाराजजी, सोमनाथ मठ के महंत श्री नीलेश भारती, कार्यकर्ता रेखा चौहान, सरसंघ चालक श्री शेषमनी पांडे, इश्वरजी तिरोले, सुभाष जायसवाल, संजय सोनी, रवि जाट सहित सेंकड़ों की संख्या में वरिष्ठ नागरिक तथा भक्तजनों की उपस्थिति में गरिमामय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

उक्त जानकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी जी द्वारा दी गई।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी