सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से रोजगार से जुड़ेगी आदिवासी महिलाए।
मांडू के जमुनिया में 15 सदस्यी ग्रुप का गठन। रुचि अनुसार रोजगार से जोड़कर ट्रेनिंग मार्केटिंग का जुमा उठाएगी नातू फाउंडेशन और साहकार भारती।
धार। (कपिल पारिख) ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से जोड़कर उन्हें उनकी रुचि अनुसार रोजगार के क्षेत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। बैंक अकाउंट खुलवाने के साथ चरणबद्ध तरीके से कच्चा माल उपलब्ध करवाने उत्पाद निर्माण की ट्रेनिंग और मार्केटिंग को लेकर भी काम किया जाएगा। मांडू के जमुनिया में पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप का गठन हुआ। आगे चलकर लगातार इनकी संख्या में इजाफा किया जाएगा।
ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार अवसर उपलब्ध कराने का जिम्मा केंद्र सरकार की योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर की नामी संस्था सहकार भारतीय और नट्टू फाउंडेशन ने उठाया है। यहां 15 सदस्य ग्रुप का गठन किया गया है। इसमें ग्रुप के सभी सदस्यों की सहमति से अध्यक्ष नैना मोहनिया कोषाध्यक्ष कला निनामा और सचिव पूजा निनामा को बनाया गया।
महिला सशक्तिकरण के लिए इन संस्थाओं द्वारा यह पहल की जा रही है।
नातू फाउंडेशन तथा सहकार भारती जो राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता में काम करने वाला एक संगठन है। इस पहल के अंतर्गत जामनिया की आदिवासी महिलाओं के लिए रोजगार के साधन विकसित होंगे। मीटिंग का संचालन अनुराधा नातू के द्वारा किया गया एवं मीटिंग में नातू फाऊंडेशन संस्था के प्रमुख सहयोगी आर्किटेक्ट अमित नातू (दुबई) भी सम्मिलित मौजूद थे।मीटिंग में सहकर भारती की राष्ट्रीय महिला कॉपरेटिव सहप्रमुख संगीता तेंडूलकर द्वारा महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप को किस तरह से बनाया जाए, आर्थिक क्षेत्र में एसएचजी सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा किस तरह से कार्य किया जाए इसके बारे में जानकारी दी गई।
चर्चा के दौरान महिलाओं की रुचि के बरे में बातचीत की गई तथा कार्य को आगे किस तरह सुचारूँ रुपंसे चलाया जाए इसकी ऊपर जानकारी दी गई। संस्था प्रमुखों द्वारा बताया गया कि इन सेल्फ हेल्प ग्रुपों के सदस्यों को लगातार आपसी चर्चा के माध्यम से उनकी रुचि के रोजगार से जोड़ते हुए सभी के बैंक अकाउंट खुलवाए जाएंगे इसके बादइन्हें कच्चा माल उपलब्ध कराकर इसे उत्पादों का निर्माण करवाया जाएगा सभी के लिए एक्सपर्ट्स की ट्रेनिंग भी अवेलेबल करवाई जाएगी और इसे तैयार उत्पादों की मार्केटिंग के जवाबदारी भी संस्थाओं की रहेगी।
इस योजना से जुड़ने के बाद शान द्वारा उनके सेल्फ हेल्प ग्रुप को ऐड भी प्रदान की जाएगी। इससे ग्रामीण आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और महिलाएं रोजगार से जुड़ेगी।
 
                       
                       
                       
                       
                       
             
                                               
                                               
                                               
                                               
                                               
                
 
                   
                  
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