झाबुआ- गांव में कई महीनों से पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। जब-जब गांव वालों का आमना-सामना होता है, कोई न कोई हत्या जरूर होती है। अब तक पांच हत्याएं हो चुकी हैं। दर्जनों घर जलाए और बर्बाद किए जा चुके हैं। पिछली हत्या 28 जुलाई को हुई थी। महीनों से यहां 18 पुलिसकर्मी चौबीस घंटे तैनात रहते हैं।
सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि इस गांव में एक ही मतदान केंद्र है। दोनों पक्षों को इसी जगह मतदान करने आना होता है। भूतेड़ी गांव के इस बूथ में 536 मतदाता है। उनका बूथ यहां के प्रायमरी स्कूल में बनाया गया है। यहां 14 साल पुराना जमीनि विवाद बाथू फलिया और तड़वी फलिया के बीच चला आ रहा है। दोनों फलियों के बीच एक स्कूल स्थित है। उसके पास में पंचायत भवन भी है, जहां पुलिस और एसएफ का डेरा लगा हुआ है।
तड़वी फलिया के लोग एक वर्ष तक गांव छोड़कर दूसरी जगह रहने चले गए थे। उनके घरों को बर्बाद कर दिया गया था। इसी वर्ष मार्च और अप्रैल में ये लोग वापस आए तो इन लोगो के आते ही इस पक्ष के दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। 28 जुलाई की आधी रात को जीप में भरकर 15 से ज्यादा लोग पहुंचे और घर में सो रहे धन्ना पिता थावरिया के चेहरे पर फायर कर दिया। आवाज सुनकर पुलिस आई तब तक सब भाग गए। धन्ना खुद पिछले साल अप्रैल में हुई बाथू की हत्या का आरोपित था और जमानत पर छूटा था। 2 मई को भी एक हत्या हुई थी। इसका मतलब साफ है जब दोनों पक्ष एक बूथ पर आमने-सामने होंगे तो उन्हें संभालना कितना मुश्किल हो सकता है।
जब-जब ये लोग आमने-सामने हुए तब-तब हुई हत्याएं-
2004 में खेत की मेढ़ को लेकर बाथू फलिया और तड़वी फलिया के लोगों में विवाद की शुरुआत हुई। गांव दो पक्षों में बंट गया।
2008 में बाथू फलिया के बाथू के बेटे हरसिंह की हत्या हुई।
2009 में बाथू की रिश्तेदार जोखीबाई पति बाबू की हत्या हो गई।
2017 अप्रैल में फिर विवाद हुआ और बाथू की हत्या कर दी। अब तक एक ही पक्ष में तीन लोगों की हत्या हो चुकी थी।
2018 में 2 मई को दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या हुई । बापू पिता पिदिया पर तलवारों से हमला किया गया था। खेत में उसकी हत्या कर हत्यारे मोके से फरार हो गए।
28 जुलाई की रात धन्नाा की बंदूक से हमला कर हत्या कर दी गई।
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