भतीजी ने बचाई काका की लाज ( अब्बास जाम्बुवाला लीजा ब्यूरो )
आलीराजपुर। रतलाम लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा सीटे है जिसमें 3 रतलाम जिले की, 3 झाबुआ जिले की और 2 आलीराजपुर जिले की सीट शामिल है। 8 विधानसभा क्षेत्रो से आलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट ऐसी थी जहां पर कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया की भतीजी कलावती भूरिया विधायक है जिन्होंने कांग्रेस को 18 हजार से अधिक की बढ़त दिलाई। इस प्रकार यह एक मात्र सीट थी जहां से कांग्रेस भारी बढ़त बनाने में सफल रही। इस प्रकार भतीजी ने अपने काका को लीड दिलाकर रिश्तेदारी का धर्म निभाया।
और अंत मेंः- आलीराजपुर में क्यों हारी कांग्रेस। संक्षिप्त विश्लेषण
अति आत्मविश्वास व बूथ मैनेजमेंट नहीं होने से हारी कांग्रेस।
मिली जानकारी के अनुसार आलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं में विधानसभा चुनाव से मिली 22 हजार की लीड के चलते अति आत्मविश्वास हो गया था कि कांग्रेस आसानी से लोकसभा चुनाव भी जीत जाएगी। जिसके चलते कांग्रेस नेताओं ने बूथ मैनेजमेंट व कार्यकर्ताओं की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस प्रत्याशी की मैनेजमेंट टीम ने पूरी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा करते हुए बाहरी व्यक्ति के हाथ में बूथ मैनेजमेंट का काम दिया गया। जिनके द्वारा अपनी मनमर्जी से बूथ मैनेजमेंट किया जो कि सफल नही रहा। कांग्रेस जनप्रतिनिधिजन भी लोकसभा चुनाव को गंभीरता से नहीं ले सके। भाजपा सरकार के समय से चल रही कई हितग्राही मूलक योजनाओं के बंद होने कारण व कर्ज माफी का लाभ जमीनी स्तर पर नहीं मिलने की वजह से मतदाताओं का छह माह में ही कांग्रेस से मोह भंग हो गयां। उपर से
जमकर चला मोदी मैजिक
मोदी मैजिक ऐसा चला कि आलीराजपुर में भाजपा ने 22 हजार की लीड कम करते हुए बराबरी कर ली और 276 मतों से बढ़त भी बना ली। हालांकि कांग्रेस की हार में आलीराजपुर में उनका अति आत्मविश्वासी होने के अलावा संघ, सेवा भारती के पुराने प्रचारकों व कार्यकर्ताओं की भूमिका भी अंडरग्राउंड स्तर पर प्रभावी ढंग से रही जिन्हौंने 2003 के समय से अपने बनाए हुए नेटवर्क को फिर से खड़ा करने के प्रयासों में सफलता प्राप्त की और भाजपा के खोए हुए जनाधार को वापस लाने में सफल रहे। भाजपा के पूर्व विधायक नागरसिंह चैहान, जिलाध्यक्ष किशोर शाह आदि नेताओं ने भी आलीराजपुर में दौड़ धूप की जिसका फल भाजपा की आंशिक जीत में आखिरकार उन्हें मिला।
आलीराजपुर में कांग्रेस की हार कई संकेतों की ओर ईशारा कर रही है यदि कांग्रेस जनप्रतिनिधियों व नेताओं को अपना जनाधार बनाए रखना है तो इसके लिए उन्हें जमीनी कार्यकर्ताओं की सुध लेना होगी, सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर करवाना होगा।
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