धार। संपूर्ण भारतवर्ष में होली पर्व को लेकर महिलाओं से लेकर बच्चों सहित वृद्धों में भी उत्साह देखा जाता है। होली का पर्व बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ बनाया जाता है, किंतु आधुनिकता के दौर के चलते यह पर्व भी चंद दिनों में ही सिमट कर रह गया है। नहीं तो यह पर्व फागुन माह के प्रारंभ होने के साथ ही ग्रामीण अंचलों में ग्रामीण रात्रि के समय में फाग गीत पर नाचते गाते हुए एक माह तक मनाते थे,लगभग एक माह चलने वाला यह फाग माह हर गिले शिकवे को भुलाकर एक साथ एक ही रंग में रंगने का संदेश देता है। देशभर में लोकसभा चुनाव के चलते आदर्श आचरण संहिता लागू है। ऐसे में त्योहारों के चलते इसका पालन करने के लिए प्रशासन को पेनी नजर रखना पढ़ रही है। त्योहारों काे शांतिपूर्ण मनाया जाने हेतु पुलिस प्रशासन भी अपनी ओर से पूर्ण रुप से सजगता बरते हुए ऩजर आरही है।
आधुनिकता के दौर में भारतीय संस्कृति होती जारही हे विलुप्त
बुजुर्गों की मानो तो होलिका दहन के पूर्व ही कुंवारी कन्याएं गोबर से बने बर-भूलिए का निर्माण करती है, जिसे लेकर इन कन्याओं में एक अलग ही उत्सुकता होली के पर्व को लेकर दिखाई देता था। किंतु आज यह परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। सिर्फ ग्रामीण अंचलों में ही कुछ स्थानों पर यह बर-भूलिए बनाने की परंपरा जारी है। वहीं शहरों से पूर्णता यह परंपरा आधुनिकता के दौर में विलुप्त होने की कगार पर है।
प्राकृतिक रंगों की जगह केमिकल युक्त रंगो का हो रहा है उपयोग
पहले ग्रामीण अंचलों सहित शहरों में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता था वहीं ग्रामीण इस पर्व पर कीचड़ मिट्टी व गोबर से भी होली खेल कर पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाते थे किंतु आधुनिकता के दौर में प्राक्रतिक रंग का लगभग लगभग नहीं के बराबर इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक रंग की जगह अब केमिकल से बने रंगो ने ले रखी है। यह केमिकल युक्त रंग ना सिर्फ बालों आंखों व त्वचा के लिए हानिकारक है वही केमिकल युक्त रंग बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक साबित होता है।
मनचलो पर रहेगी पुलिस की नजर
होलीका पर्व पर नवयुवक एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। वहीं इस पर्व पर लड़के लड़कियां एक दूसरे को रंग लगाते हैं, कई बार इस बात को लेकर विवादास्पद स्थिति निर्मित हो जाती है इन मनचलों पर पुलिस बड़ी ही सख्ती से पेश आएगी किसी भी प्रकार से अभद्र व्यवहार जबरन कलर लगाने और हुल्लड़ मचाने पर पुलिस बड़ी ही सख्त नजर आयेगी।
संवेदनशील चौराहों पर रहेगा पुलिस बल तैनात
वैसे तो संपूर्ण भारत में लोकसभा निर्वाचन को लेकर आदर्श आचरण संहिता लागू की गई है। धार एक बड़ा ही संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। होलीका पर्व पर पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष आदर्श आचरण संहिता के चलते पुलिस संवेदनशील क्षेत्रों को बड़े ही गंभीरता से ले रही है। शहर के विभिन्न चौराहों पर होलिका दहन के पश्चात धुलेटी पर्व पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने पुख़्ता इंतजाम कर लिए है।
संजीव कुमार मुले नगर पुलिस अधीक्षक धार—
नगर के प्रत्येक चौराहो पर पुलिस बल लगाया गया है, साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष रूप से पुलिस बल तैनात रहेगा। पूरे शहर में 10 पुलिस मोबाइल वेन घूमेगी और चार बाइक पार्टियां रहेगी जो निरंतर पुलिस इन क्षेत्रों का भ्रमण करती रहेगी विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण किया जाएगा सुरक्षा के मद्देनजर शहर के पुलिस बल के अलावा जिले से और भी पुलिस बल बुलाया गया है।
More Stories ( ज़्यादा कहानियां )
हर्षोल्लास के साथ मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
तीन कैबिनेट मंत्रियों ने किया था हवाई सर्वे
बड़ी धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस