आप सभी को मध्यभारत live परिवार की तरफ से दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं।
नमस्कार दोस्तों ! आज हम आपको इस पोस्ट में 6 ऐसी कहानियों या कारण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण हम दीपावली का पर्व मनाते हैं। हम यह तो जानते ही हैं, भारत संस्कृतियों से भरा देश है, यह अनेकता में एकता वाला देश है, और यहाँ हर महीने 2-4 त्यौहार तो हम जरूर मनाते ही है।
भारतीय लोगों के अनुसार भारत में कुल 33 करोड़ देवी-देवता हैं। और इसी कारण भारत में हमेशा किसी ना किसी त्यौहार का माहौल तो बना ही रहता है। उन्हीं मैसे एक ऐसा बड़ा ही धूम-धाम से, हर राज्यो में मनाया जाने वाला त्यौहार है दिवाली या दीपावली। जिसको हर वर्ग के लोग बड़े ही धूम धाम से मानते आ रहे है खासकर बच्चे दीपावली पर्व का बड़े ही उल्लास के साथ इंतजार करते है।
इस त्यौहार को हम बुराई पर सच्चाई के विजय की ख़ुशी में मनाते हैं। दीवाली में हर जगह रात्री के समय आपको रोशनी ही रौशनी नज़र आएगी क्योंकि हम उस दिन मानते हैं, अंधकार पर प्रकाश नें विजय प्राप्त किया था। इस दिन अपने परिवार के लोगों के साथ घर में पूजा करते हैं और घर में हर जगह दीप जलाते हैं।
दीपावली का त्यौहार क्यों और कब मनाया जाता है।
01- श्री राम के वनवास से अयोध्या लौटने की ख़ुशी में-
यह वो कहानी और करण है जो लगभग सभी भारतीय को पता है कि हम दिवाली श्री राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मनाते हैं। मंथरा के गलत विचारों से पीड़ित हो कर भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनवद्ध कर देते हैं। ऐसे में श्री राम अपने पिता के आदेश को सम्मान मानते हुए माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़ते हैं। वहीँ वन में रावण माता सीता को छल से अपहरण कर लेता है। तब श्री राम सुग्रीव के वानर सेना और प्रभु हनुमान के साथ मिल कर रावण की सेना को परास्त करते हैं और श्री राम रावण का वध करके सीता माता को छुड़ा लाते हैं। उस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है और जब श्री राम अपने घर अयोध्या लौटते हैं तो पूरे राज्य के लोग उनके आने के ख़ुशी में रात्री के समय दीप जलाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। तब से उस दिन का नाम दीपावली के नाम से जाना जाता है।
02- पांडवों का अपने राज्य में लौटना-
आप ने महाभारत की कहानी तो सुनी ही होगी। कौरवों ने, शकुनी मामा के चाल की मदद से शतरंज के खेल में पांडवों का सब कुछ छीन लिया था और यहाँ तक की उन्हें राज्य छोड़ कर 13 वर्ष के लिए वनवास भी जाना पड़ा। इसी कार्तिक अमावस्या को वो 5 पांडव (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) अपने 13 वर्ष के वनवास से अपने राज्य लौटे थे। उनके लौटने के ख़ुशी में उनके राज्य के लोगों नें दीप जला कर खुशियाँ मनाया। यह भी दीपावली मनाने का एक बहुत ही मुख्य कारण है।
03- राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक-
राजा विक्रमादित्य प्राचीन भारत के एक महान सम्राट थे। वे एक बहुत ही आदर्श राजा थे और उन्हें उनके उदारता, साहस तथा विद्वानों के संरक्षणों के कारण हमेशा जाना है। इसी कार्तिक अमावस्या को उनका राज्याभिषेक हुआ था।
04- माता लक्ष्मी का अवतार-
हर बार दीपावली का त्यौहार हिन्दी कैलंडर के अनुसार कार्तिक महीने के “अमावस्या” के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन समुन्द्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी जी ने सृष्टि में अवतार लिया था। माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसीलिए हर घर में दीप जलने के साथ-साथ हम माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करतें हैं।
05- 6वें सिख गुरु की आजादी-
इस त्यौहार को सिख समुदाय के लोग भी मनाते हैं अपने 6वें गुरु श्री हरगोविंद जी के ग्वालियर जेल से मुक्त होने पर जो मुग़ल सम्राट जहाँगीर की कैद में थे।
06- इसी दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का संहार किया था-
दीपावली का त्यौहार मनाने के पीछे एक और सबसे बड़ी कहानी है। इसी दिन प्रभु श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर उस समय प्रागज्योतिषपुर(जो की आज दक्षिण नेपाल एक प्रान्त है) का राजा था। नरकासुर इतना क्रूर था की उसने देवमाता अदिति की शानदार बालियों तक को छीन लिया था। देवमाता अदिति श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा की सम्बन्धी थी। नरकासुर ने कुल सोलह भगवान की कन्याओं को बंधित करके रखा था। श्री कृष्ण की मदद से, सत्यभामा ने नरकासुर का वध किया और सभी देवी कन्याओं को उसके चंगुल से छुड़ाया। यह भी दीपावली मनाने का एक मुख्य कारण है।
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नाम :- कमलगिरी गोस्वामी, निवास:- धार (इंदौर) मध्यप्रदेश। कार्यक्षेत्र – वर्ष 2008 में प्रेस फोटोग्राफर से शुरुआत। वर्ष 2018 से “मध्यभारत लाइव न्यूज़” वेबसाईट प्रधान सम्पादक।
Name :- Kamalgiri Goswami, Residence:- Dhar (Indore) Madhya Pradesh. Workspace – Beginning with Press Photographer in the year 2008. Editor-in-chief of “Madhya Bharat Live News” website since the year 2018.
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