धार। जिले के किसान अधिकारियों के भेदभाव से परेशान होकर धरने पर बैठने को हुए मजबूर सैकड़ों किसान जो नहर के पानी से अपनी खेती करते हैं, जिस ओर से नहर का पानी उनके खेतों तक आता है उस ओर के बाहुबली किसान अपनी आवश्यकता अनुसार नहर के पानी को मोड लेते हैं, जिससे वह पानी आगे की ओर नहीं पहुंच पाता है और अंतिम छोर पर खेती होने की वजह से उन किसानों को नहर का पानी नहीं मिल पाता है। इसकी शिकायत किसानों ने कई बार अधिकारियों को की है परंतु अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते किसानों को एक बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा और किसानों ने मजबूर होकर बहते हुए पानी के अंदर बैठकर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द पानी की समस्या दूर नहीं की गई तो आत्महत्या जैसे कदम भी उठाने को मजबूर होना पड़ेगा।
हालांकि परियोजना अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों से चर्चा की गई तो किसानों ने उनकी पीड़ा बताते हुए कहा कि कुछ लोग बीच में ही नहर के पानी को रोककर अपने खेतों में ले जाते हैं, जिससे नहर का पानी हमारे खेतों तक नहीं पहुंच पाता है।
मान परियोजना के एसडीओ आलोक चौबे ने बताया कि कुछ किसानों द्वारा नहर को बीच में तोड़ा गया है जो कि नियम के खिलाफ है उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
Follow Us Social media
More Stories ( ज़्यादा कहानियां )
बड़ी संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर के मृत शव मिले
शहर में होटल संचालक खुलेआम उड़ा रहे नियमों की धज्जियां
नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा से आगे निकली कांग्रेस