विशाल पाटीदार –
धार– औरतें समाज का बहुत महत्वपूर्ण भाग है, और पृश्वी पर जीवन के हर एक पहलू में बराबर भाग लेती है। हांलाकि, भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को कारण स्त्रियों के निरंतर गिरते अनुपात ने, महिलाओं के पूरी तरह से खत्म होने के डर को जन्म दिया है। इसलिये, भारत में महिलाओं के लिंग अनुपात को बनाये रखने के लिये कन्याओं (बालिकाओं) को बचाना बहुत आवश्यक है। ये भारतीय समाज में सामाजिक जागरुकता का एक बहुत महत्वपूर्ण विषय बन गया है, जिसे भारतीय युवाओं को अवश्य जानना चाहिये।

सामाजिक सन्तुलन को बनाये रखने के लिये, समाज में लड़कियाँ भी लड़कों की तरह महत्वपूर्ण है। कुछ वर्ष पहले, पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट थी। ये महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ने के कारण था, जैसे: कन्या भ्रूण हत्या, दहेज के लिये हत्या, बलात्कार, गरीबी, अशिक्षा, लिंग भेदभाव आदि। समाज में महिलाओं की संख्या को बराबर करने के लिये, लोगों को बड़े स्तर पर कन्या बचाने के बारे में जागरुक करने की आवश्यकता है। भारत की सरकार ने कन्याओं को बचाने के सन्दर्भ में कुछ सकारात्मक कदम उठाये है, जैसे: महिलाओं की घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम 2005, कन्या भ्रूण हत्या पर प्रतिबंध, अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम, उचित शिक्षा, लिंग समानता आदि।
लड़कियों को बचाने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये कदम
सरकार द्वारा लड़कियों को बचाने और शिक्षित करने के लिये बहुत से कदम उठाये गये है। इस बारे में सबसे हाल की पहल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ है जो बहुत सक्रिय रूप से सरकार, एनजीओ, कॉरपोरेट समूहों, और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों द्वारा समर्थित है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने महिला स्कूलों में शौचालय के निर्माण से अभियान में मदद की है। बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध भारत में वृद्धि और विकास के रास्ते में बड़ी बाधा है। कन्या भ्रूण हत्या बड़े मुद्दों में से एक था हालांकि अस्पतालों में लिंग निर्धारण, स्कैन परीक्षण, उल्ववेधन, के लिए अल्ट्रासाउंड पर रोक लगा कर आदि के द्वारा सरकार ने प्रतिबंधित किया गया है। सरकार ने ये कदम लोगों को ये बताने के लिये लिया है कि लड़कियाँ समाज में अपराध नहीं हालांकि भगवान का दिया हुआ एक खूबसूरत तोहफा है।
बेटी बचाओ अभियान क्यों
समाज में लोगों द्वारा एक शिशु कन्या को विभिन्न कारणों के कारण बचाया जाना चाहिये:
- वो किसी भी क्षेत्र में लड़कों की तुलना में कम सक्षम नहीं है और अपना सर्वश्रेष्ठ देती है।
- 1961 से कन्या भ्रूण हत्या एक गैर कानूनी अपराध है और लिंग परीक्षण चुनाव के बाद गर्भपात को रोकने के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया है। लोगों को सभी नियमों को लड़कियों को बचाने के लिये सख्ती से पालन करना चाहिये।
- लड़कियाँ लड़कों की तुलना में अधिक आज्ञाकारी, कम हिंसक और अभिमानी साबित हो चुकी है।
- वो अपने परिवार, नौकरी, समाज या देश के लिए ज्यादा जिम्मेदार साबित हो चुकी है।
- वो अपने माता-पिता की और उनके कार्यों की अधिक परवाह करने वाली होती है।
- एक महिला माता, पत्नी, बेटी ,बहन आदि होती है। प्रत्येक को ये सोचना चाहिये कि उसकी पत्नी किसी अन्य आदमी का बेटी है और भविष्य में उसकी बेटी किसी और की पत्नी होगी। इसलिये प्रत्येक को औरतों के हर एक रुप का सम्मान करना चाहिये।
- एक लड़की अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को बहुत वफादारी से निभाती है जो इन्हें लड़को से अधिक विशेष बनाती है।
- लड़कियाँ मानव जाति के अस्तित्व का परम कारण है।
निष्कर्ष
एक बेटी से नफरत, मृत्यु या अपमान नहीं किया जाना चाहिए। समाज और देश की भलाई के लिए उसे सम्मानित और प्यार किया जाना चाहिए। वो लड़कों की तरह ही देश के विकास में समान रुप से भागीदार है।
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