भ्रष्टाचार में लिप्त विवादित प्राचार्य ओम प्रकाश अग्रवाल को अंततः डिंडोरी हेतु किया गया एकतरफा कार्यमुक्त।
धार। शासकीय बालक उमावि संकुल केंद्र केसूर के भ्रष्टाचार में लिप्त एवं विवादित प्राचार्य ओमप्रकाश अग्रवाल को अंततः डिंडोरी हेतु भारमुक्त कर दिया गया है। सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग धार ने आज दिनांक 9 सितंबर को दोपहर पश्चात ओम प्रकाश अग्रवाल को सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, डिंडोरी के विकल्प पर एक तरफा भारमुक्त कर दिया है। इसका आशय यह है कि अब प्राचार्य अग्रवाल डिंडोरी जाकर सहायक आयुक्त कार्यालय में उपस्थित होंगे और वहां से सहायक आयुक्त डिंडोरी जिले में जहां भी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जगह खाली होगी वहां पर उनकी पदस्थापना प्राचार्य के पद पर स्कूल में की जावेगी।
विदित हो कि विवादित प्राचार्य ओमप्रकाश अग्रवाल का प्रशासकीय स्थानान्तरण आदिम जाति कल्याण मंत्रालय, भोपाल ने केसूर से डिंडोरी कर दिया था परंतु प्राचार्य अग्रवाल मनमर्जी से कार्यमुक्त नहीं हो रहे थे और संकुल पर जमे हुए थे।
अंतिम समय तक कार्यमुक्त न होने के लिए मारते रहे हाथ पैर
विवादित प्राचार्य अग्रवाल अंतिम समय तक डिंडोरी हेतु कार्यमुक्त न हो इसके लिए हाथ पैर मारते रहे तथा नेताओं के चक्कर लगाते रहे लेकिन उनकी एक न चली। दिनांक 8 सितंबर को भी इंदौर में संभाग स्तर की आयोजित समीक्षा बैठक में आदिम जाति कल्याण मंत्री की उपस्थिति के दौरान एक छुटभैये को लेकर अपने स्थानांतरण निरस्त व कार्यमुक्त न हो पाए इसके लिए सिफारिश लगवाने का प्रयास भी किया लेकिन मंत्री के सख्त तेवरों के आगे छुटभैय्ये व प्राचार्य अग्रवाल की एक ना चली और अन्ततः 9 सितंबर को दोपहर पश्चात विवादित प्राचार्य अग्रवाल को डिंडोरी हेतु कार्यमुक्त कर दिया गया। कार्यमुक्त आदेश अग्रवाल को तामील भी करवा दिया गया है।
लोकायुक्त में भी चला प्रकरण, 3 वेतनवृद्धिया भी रुकी
अपने केसूर कार्यकाल के दौरान प्राचार्य ओमप्रकाश अग्रवाल सदैव विवादित और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे जिसका प्रमाण उनके विरुद्ध विज्ञान सामग्री पुस्तकालय सामग्री क्रय करने के मामले में लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण था तथा आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग, भोपाल ने इनकी 3 वेतनवृधिया भी रोक दी है। इनके स्कूल का 10 वी का रिजल्ट भी इस वर्ष अत्यंत निराशा जनक रहा। इनके विरुद्ध कई जांचे चल रही हैं।लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का, भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का नतीजा आखिरकार इनको भुगतना ही पड़ा और कई संभाग बाहर दूरस्थ जिले डिंडोरी में जाना ही पड़ा। सत्तारूढ़ दल के नुषांगिक संगठन का विरोध भी अग्रवाल को ले डूबा और उसके छुटभैय्ये काम नहीं आए। शिक्षकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि बहुत बेेआबरु होकर अग्रवाल निकले, अग्रवाल ने अपने स्वार्थ के लिए कुछ शिक्षकों को मोहरा बनाकर उनकी जबरन बलि चढ़वा दी, संकुल केसूर आज अग्रवाल मुक्त हो गया।
मध्यभारतLive – कार्यकारी संपादक राकेश साहू की कलम से पड़े निर्भीक और निष्पक्ष खबर।
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