भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में सभी मतदान केन्द्रों पर ई.व्ही.एम के साथ व्ही.व्ही.पैट मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। ई.व्ही.एम में मतदाता द्वारा अपने पसंदीदा प्रत्याशी के सामने का बटन दबाने के बाद व्ही.व्ही.पैट में सात सेकेण्ड के लिये पर्ची दिखाई देगी, जिस पर अभ्यर्थी का नाम, क्रमांक और चुनाव चिन्ह अंकित रहेगा, जिससे मतदाता यह जान सकेगा कि जिस प्रत्याशी को वोट दिया है वह वोट उसी को गया है या नहीं। व्ही.व्ही.पैट में बने ड्राप बॉक्स में पर्ची कट कर गिर जायेगी, एक बीप की आवाज सुनाई देगी और मत रिकार्ड हो जायेगा।
यदि मतदान के दौरान बैलेट यूनिट में दबाये गये बटन और व्ही.व्ही.पैट की बैलेट पर्ची पर वहीं चुनाव चिन्ह अंकित नहीं है, तो मतदाता पीठासीन अधिकारी को सूचना दे सकता है। पीठासीन अधिकारी मतदाता से निर्धारित प्रपत्र में लिखित घोषणा पत्र प्राप्त करेगा तथा कानूनी प्रावधान से अवगत करायेगा। मतदाता द्वारा झूठी घोषणा करने पर आईपीसी की धारा 177 के अंतर्गत 6 माह की सजा और 1000 रूपये तक जुर्माने या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।
निर्वाचक की लिखित घोषणा के बाद पीठासीन अधिकारी अभ्यर्थी या मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में व्ही.व्ही.पैट से निकलने वाली पर्ची का अवलोकन करेगा। और निर्वाचक को मतदान मशीन में एक टेस्ट वोट डालने की अनुमति देगा।
यदि आरोप मिथ्या पाया जाता है अर्थात् पर्ची निर्वाचक द्वारा अभिलिखित टेस्ट वोट से मेल खाती है, तो पीठासीन अधिकारी ऐसे टेस्ट वोट को अभिलिखित कर आवश्यक प्रविष्टियॉं करेगा और पूर्व में मतदाता द्वारा की गई घोषणा अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करेगा। विशेष उल्लेखनीय है कि ई.व्ही.एम और व्ही.व्ही.पैट. पूर्ण सुरक्षित है एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत उपयोग हो रही है।
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