चौराहे-चौराहे पर किये यातायात के पुख्ता इंतजाम लेकिन शहर के अंदर यातायात को छोड़ा भगवान भरोसे।
धार। त्रिमूर्ति चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने पर कम से कम 5 सौ का ओर बगैर हेलमेट 2 सौ 50 का चालन बनेगा यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाने के लिए पुलिस प्रशासन हरकत में दिखाई दे रहा है।
चोराहे पर कटेंगे चालान –
शहर के व्यस्ततम चौराहे त्रिमूर्ति जोकि जिला मुख्यालय का मेन चौराहा है, वहां पर पुलिस ने यातायात नियंत्रण के लिए ट्रेफिक सिग्नल लाईट लगा दिए गए हैं, जिनके कारण यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए 8 से 10 पुलिसकर्मी प्रतिदिन लगा कर व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने का प्रयास तो किया जा रहा है। परंतु यातायात व्यवस्था त्रिमूर्ति चौराहे पर ही सीमित रह गई है, शहर के व्यस्ततम और मुख्य चौराहे घोड़ा चौपाटी फोटो विशाल पाटीदार
पाटीदार व भोज हॉस्पिटल चौराहा एवं मोहन टॉकीज चौराहे पर भी प्रतिदिन घटनाएं घटती है, जिसे लेकर यातायात विभाग व पुलिस विभाग उदाशीन दिखाई दे रहा है।
मंडी रोड़ पर लगता है जाम –
अनाज मंडी मैं अपनी उपज को बेचने के लिए आने वाले कृषक वाहनों के लिए भी यातायात विभाग ने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। हटवाड़ा मंडी गेट व मंडी तक सुबह से लेकर रात तक कई बार यातायात प्रभावित होता है, जिसमें शहर सहित किसान लोग भी वाहनों के साथ फंसे हुए देखे जा सकते हैं, और उस जाम में भूखे प्यासे घंटेा तक फंसे हुए रहते हैं।
भारी वाहन पर प्रतिबन्ध –कुछ ही समय पहले जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए आदेश पारित किया था। जिस का भी पालन ठीक से नहीं हो रहा है, नागदा से गुजरी की ओर जाने वाले भारी भार वाहक वाहन शहर में प्रवेश करते हुए देखे जा सकते हैं। शहर में हुई घटनाओं के बाद स्थानीय निवासियों ने चक्का जाम करके सिटी मजिस्ट्रेट व जिला प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई थी, वही सिटी मजिस्ट्रेट सुश्री दिव्या पटेल ने आश्वासन देते हुए कहा था कि यहां पर गतिरोध वह बैरिकेट्स लगाये जाएंगे परंतु हॉस्पिटल चौराहा और पाटीदार चौराहे पर गतिअवरोधक तो बनाए गए थे लेकिन कुछ ही दिनों बाद जिस स्फूर्ति के साथ लगाए गए थे उसी के साथ उन्हें हटा दिए गए, आज तक वहां पर गति अवरोधक का निर्माण नहीं हो पाया इस कारण भी शहर में हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। और इसी के चलते कल एक महिला को फिर एक वाहन ने कुचल डाला। शहर में जब भी कोई वाहन दुर्घटना हुई है, उसमे मोके पर ही लोगो की दर्दनाक मौत हुई है। जिन हादसे को देखते हि रूह कांप उठे इस तरह की कई घटनाएं होने के बाद भी जिम्मेदार कुम्भ करण की नींद से नहीं जागे है।
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