24/10/2025

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Farmers create ruckus in the market, lock the gate - police administration present at the spot

Farmers create ruckus in the market, lock the gate - police administration present at the spot

मंडी में किसानों का हंगामा, गेट पर लगाया ताला- पुलिस प्रसाशन मोके पर

भावांतर योजना, धार की राजगढ़ मंडी में किसानों का हंगामा, गेट पर लगाया ताला, मॉडल रेट तय होने के बाद हुए शांत।

राजगढ़/धार। प्रदेशभर की मंडियों में आज से भावांतर भुगतान योजना के तहत कृषि उपज की खरीदी शुरू होते ही कई स्थानों पर विरोध देखने को मिला। राजगढ़ कृषि उपज मंडी में भी योजना के शुभारंभ के साथ ही भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राकेश सोलंकी के नेतृत्व में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने तत्काल मॉडल रेट घोषित करने की मांग को लेकर हंगामा किया और मंडी अधिकारियों को घेर लिया।

मंडी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि मॉडल रेट 15 दिन की नीलामी के आधार पर तय किया जाएगा। इस स्पष्टीकरण से असंतुष्ट किसानों ने तत्काल प्रभाव से नीलामी बंद करा दी और मंडी गेट पर ताला जड़ दिया। करीब एक घंटे तक मंडी में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुकी रही।

मॉडल रेट घोषित होने के बाद शांत हुए किसान —

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सलोनी अग्रवाल मौके पर पहुंचीं। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की और उनकी मांग पर हस्तक्षेप करते हुए शुक्रवार का मॉडल रेट 4000 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया।

एसडीएम के हस्तक्षेप और मॉडल रेट घोषित होने के बाद किसान शांत हुए और उन्होंने मंडी का ताला खोल दिया, जिसके बाद नीलामी प्रक्रिया दोबारा शुरू हो सकी। हालांकि, किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि मौजूदा रेट पर किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है, जिससे खेती करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

गौरतलब है कि शासन ने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। भावांतर योजना के तहत खरीदी की अवधि 24 अक्टूबर से 15 जनवरी तक निर्धारित की गई है। इस योजना के अंतर्गत सरदारपुर तहसील में 7000 किसानों ने पंजीयन कराया है। शासन द्वारा मंडी में किसान को प्राप्त मॉडल रेट से ऊपर की भावांतर राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी। किसानों की मांग और मंडी में हुए हंगामे ने भावांतर योजना के क्रियान्वयन के पहले ही दिन कई जगह चुनौतियों को उजागर कर दिया है।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी