बुधवार सुबह करीब सात बजे तक जितेंद्र व दुर्गा नहीं जागे, तो अंबाराम ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इसी बीच परिवार के दूसरे लोग भी आ गए। उन्होंने दरवाजे को धक्का देकर जितेंद्र व उसकी पत्नी बल्ली से बंधे फंदे पर लटके देखा। दोनों के शव फंदे से नीचे उतारकर आसपास को लोगों को जानकारी दी।
सूचना मिलने पर रतलाम ग्रामीण एसडीओपी किशोर पाटनवाला, नामली थाना प्रभारी पतिराम डावरे, एसआइ केके पटेल व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घर में जाकर शवों व घटना स्थल की जांच की। उसके बाद शवों को एक लोडिंग वाहन से पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भिजवाया।
मजदूरी करता था युवक —
जितेंद्र के परिजन ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र मजदूरी करता था। चार माह पहले ही दुर्गा से स्टाम्प पेपर पर लिखापढ़ी कर विवाह किया था। पिता अंबाराम ने बहू दुर्गा की यह दूसरी शादी थी। दुर्गा के पहले पति का निधन हो चुका है।
दुर्गा के माता-पिता नहीं हैं। वह उसके काका के साथ रहती थी। जितेंद्र व दुर्गा के बीच कोई विवाद नहीं था। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, समझ में नहीं आ रहा।
मामले की हो रही जांच —
दंपती के फांसी के फंदे पर लटकने का कारण पता नहीं चला है। उनके बारे में जनकारी जुटाई जा रही है और सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है। अमित कुमार, एसपी रतलाम।
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