सरदारपुर/धार। भारी बारिश में तालाबों का फुटना बड़ी बात नहीं है। पर अगर वह तलाव भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हो और पहली ही बारिश में फूट जाए तब यह बड़ी बात बन जाती हैं। ऐसा ही कारनामा धार जिले की सरदारपुर तहसील के RES विभाग के भ्रष्टाचार का उजागर हुआ है।
आपको बता दे की मध्यभारत live न्यूज़ द्वारा पूर्व में भी प्राथमिकता से समाचार प्रसारित कर बतलाया गया था कि सरदारपुर के आरईएस विभाग के तत्कालीन एसडीओ अजमेर सिंग डोडवे एवं उपयंत्री राजेश पवैया कि साँठगाँठ से मनरेगा मे मनमानी करते हुए तालाबों का मशीनरी से घटीया निर्माण किया जा रहा है।
मध्यभारत live न्यूज़ द्वारा पूर्व में प्रकाशित खबर–
समाचारों के माध्यम से घटिया तालाब निर्माणों की जानकारी तत्कालीन एसडीओ अजमेर सिंह डोडवे सहित जिला स्तर तक के अधिकारियों को दे चुके थे इसके बावजूद भी मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगाते हुए इसके विपरीत मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीनो से बनाये गए रातों रात तालाब।
जॉब कार्ड फ्रीज कर लाखों रुपयों का आहरण कर गरीब मजदूरों के “पेट पर लात मारने” की कहावत को चरितार्थ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इधर तालाबों में काली मिट्टी की विधिवत लोन्दाई- कुटाई भी आवश्यकतानुसार नहीं की गई और मजदूरों के बजाय मशीनरी का प्रयोग किया गया। नतीजन तत्कालीन उपयंत्री राजेश पवैया एवं एसडीओ अजमेर सिंह डोडवे के कार्यकाल में बनाए गए अधिकांश तालाब पहली ही बारिश में लिकेज हो चुके हैं।
ग्राम पंचायत चोटिया बालोद में तो करीब 48 लाख की लागत से बना जारखेड़ा वाला नाला नामक तालाब पानी में बह गया है। अब जिम्मेदार मामले को गंभीरता से लेते हुए श्री पवैया के कार्यकाल में बनाए गए सभी तालाबों का पुनर्मूल्यांकन कर रुपयों की वसूली करने के बजाए मामले की लीपापोती करने में लगे हैं।
अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी मामले में टालमटोल करने के बजाए निष्पक्ष कार्रवाई कर पाते हैं या मामले को दबाकर खुद को पवैया जैसे उपयंत्री का संरक्षक सिद्ध करेंगे।
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