07/12/2025

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Sach Ke Sath

सरदारपुर/धार। राजोद कांड ने पुलिस की नाकामी और रिश्वतखोरी को एक बार फिर से उजागर किया है। राजोद थाने के उप निरीक्षक विक्रम देवड़ा को लोकायुक्त ने 12000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। देवड़ा पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले में ट्रैक्टर छोड़ने और चालान पेश करने के लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी थी।

इस मामले में एक अन्य आरोपी अंबाराम सिंघार को भी गिरफ्तार किया गया है, जो देवड़ा का निजी साथी बताया जा रहा है। लोकायुक्त टीम ने इस कार्रवाई में रिकॉर्डिंग के दौरान 2000 रुपये विक्रम देवड़ा द्वारा प्राप्त किए गए और शेष 10000 रुपये अंबाराम सिंघार को राजोद में लेते हुए पकड़ा।

यह घटना पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक और उदाहरण है, और यह सवाल उठाती है कि क्या पुलिस वास्तव में आम लोगों की सुरक्षा के लिए है या फिर अपनी जेब भरने के लिए।

मध्य भारत लाइव न्यूज़ पुलिस के कई कारनामों को लगातार उजागर कर रहा है। कई थानों पर उगाई से लेकर सेटलमेंट तक की खबरें लगातार प्रकाशित की गई है।

आपको बता दे की हमारी खबरों की सच्चाई उक्त कार्रवाई से सत्य साबित होती हैं।

मामला सरदारपुर तहसील के राजोद थाना क्षेत्र का है। जहां पर जीवन पिता रमेश चंद्र राठौर निवासी ग्राम अकोलिया की शिकायत पर उप निरीक्षक विक्रम देवड़ा जो कि राजौद थाने पर पदस्थ हैं एवं उनका एक निजी साथी अंबाराम सिंघार को 12000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने ट्रेप किया।

गौर तलब है कि सब इंस्पेक्टर विक्रम देवड़ा के द्वारा शिकायतकर्ता जीवन राठौर से ₹12000 की रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें रिकॉर्डिंग के दौरान ₹2000 विक्रम देवड़ा द्वारा प्राप्त किए गए एवं शेष 10000 की बाकी राशि दूसरे आरोपी अंबाराम सिंगर को राजोद में लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

क्यों मांगी गई थी ₹12000 के रिश्वत —

शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उनके चाचा मुन्नालाल राठौर के पुत्र तेजपाल के विरुद्ध उसके भाई और परिवार ने मिलकर मारपीट की थी। जिसकी प्रथम रिपोर्ट राजोद थाना में दर्ज करवाई गई थी। राजोद थाना में पदस्थ उप निरीक्षक विक्रम देवड़ा द्वारा गिरफ्तार ट्रैक्टर को छोड़ने एवं चालान पेश करने के बदले ₹12000 की रिश्वत की मांग की गई थी। जिसको आज लोकायुक्त टीम के द्वारा ट्रेप किया गया।

ट्रेप कार्रवाई में शामिल अधिकारी —

ट्रेप की कार्यवाही में लोकायुक्त निरीक्षक प्रतिभा तोमर, निरीक्षक सचिन पटेरिया, आरक्षक आदित्य, पवन, अनिल, चंद्र मोहन, कृष्ण एवं आशीष आर्य शामिल रहे।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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