उज्जैन। (रामचंद्र गिरी) क्यों ना नेशनल हाईवे टोल ठेकेदार को इन तीन मौत का दोषी मानकर आजन्म कारावास की सजा दी जाए !
केवल और केवल टोल वसूली के लिए स्टेट की सड़कों को बंद कर नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे ताकि टोल कलेक्शन बड़े —
देवास इंदौर सिक्स लेन हाईवे पर महाजाम हो जाए तथा इस जाम के कारण गाड़ी में फंसे तीन लोगों की मौत हो जाए और इसका जिम्मेदार नेशनल हाईवे का टोल वसूलने वाली कंपनी को ना माना जाए इससे बड़ी कमजोरी कानून की और हमारे प्रशासनिक व्यवस्था की क्या हो सकती है।
कहीं ना कहीं ऐसा लगता है की पूरी सरकार और कानून कायदे इन नेशनल टोल वसूली वालों के यहां गिरवी रख दिए गए हो ? क्या हालात बन पड़े हैं…!
मध्य प्रदेश की अधिकांश सड़कों का उपयोग करके नेशनल हाईवे में उन्हें परिवर्तित कर दिया गया और भारी भरकम टोल लगा दिया गया ! इंदौर देवास के टोल हाईवे पर ₹100 फास्टैग से और नॉन फास्टैग से ₹200 की वसूली होती है, जब वह कानूनी है तो इस हादसे महा जाम और मौत का जिम्मेदार कंपनी को क्यों नहीं माना जाए …?
उज्जैन देवास के बीच भी स्टेट की सड़क को नेशनल हाईवे बनाकर भारी भरकम टोल वसूली की जा रही है जो कि सरासर अन्याय है …
यही हालत उज्जैन बड़नगर रोड की है इसका 80 % से अधिक हिस्सा नेशनल हाईवे में शामिल कर दिया गया है जो हमारे अधिकार जबरिया छीन लेने के सामान है और कानून के रखवाले तथा सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी है? नेताओं ने तो नोट के बंडल लेकर चुप्पी साध ली है।

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