धार। जहां एक और इंदौर कलेक्टर द्वारा इंदौर शहर में हेलमेट के लिए एक आदेश जारी किया गया की 1 अगस्त के बाद हेलमेट नहीं तो पैट्रोल नहीं है। वहीं धार जिले में धार कलेक्टर या यूं कहे की क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी या यतायत थाना प्रभारी और जिला पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा किसी प्रकार का कोई आदेश हेलमेट को लेकर जरी नहीं हुआ है। पर पैट्रोल पंप वाले तो ठहरे अपनी मर्जी के मालिक।
उन्होंने अपनी मर्जी से ही हेलमेट कंपलसरी (अनिवार्य) कर दिया। बगैर किसी सूचना बोर्ड के बगैर किसी विज्ञप्ति के डायरेक्ट पैट्रोल पंप पे रस्सी बंधकर उनके दो व्यक्ति खड़े कर दिये गए हैं, साथ ही में पैट्रोल पंप का ही एक व्यक्ति पास में खड़ा कर दिया गया जो की हेलमेट को लेकर रोकी जा रही गाड़ियों से बात चित पेट्रोल डलवाने को हेलमेट 10 रुपए में दे रहा है।
हम यह नहीं कहते हैं कि हेलमेट का उपयोग नहीं किया जाए। हम तो सभी वाहन चालकों से यही अपील करते हैं कि दो पहिया वाहन चालक बगैर हेलमेट के गाड़ी ना चलाएं और चार पहिया वाहन चालक बगैर सीट बेल्ट के वाहन ना चलाएं।
पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा किया जा रहा है यह कृत्य सही भी है, ताकि लोगों को हेलमेट की उपयोगिता समझ आए। लेकिन पास में ही एक व्यक्ति को खड़ा कर ₹10 में हेलमेट किराए से देना कहां तक सही है।
हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं देने से कम से कम लोग हेलमेट की उपयोगिता को समझने लगेंगे और पेट्रोल डलवाने के कारण ही सही पर हेलमेट पहन कर आएंगे इसलिए यह कार्य ठीक है लेकिन ₹10 में हेलमेट किराए से देना सरासर गलत है
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