08/12/2025

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Even after a month has passed, the arbitrariness of liquor seller contractors continues

Even after a month has passed, the arbitrariness of liquor seller contractors continues

एक माह बीत जाने के बाद भी शराब विक्रेता ठेकेदारों की मनमानी बरक़रार

धार। (सुनील यादव – प्रधान संपादक MBL 77710 02835) एक माह बीत जाने के बाद भी शराब विक्रेता ठेकेदारों की मनमानी का आलम जस का तस।

शराब विक्रेताओं ने पूरे धार जिले में नियम कायदे ओर कानून को ताक पर रख रखा है। आबकारी विभाग भी इन दबंग शराब विक्रेताओं के सामने नतमस्तक और मुख दर्शक बना बैठा है। शराब विक्रेताओं के खिलाफ एक माह के अंदर आबकारी विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जो विभाग पर सवालिया निसान खड़ा कर रहा है।

नहीं लगाई गई शराब दुकानों पर रेट लिस्ट —

शराब नीति और वित्त मंत्रालय से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप शराब विक्रेताओं को अपनी शराब दुकान पर शराब बिक्री मूल्य की लिस्ट चश्पा करना होती है। बावजूद इसके शराब विक्रेताओं के द्वारा लिस्ट ना लगाते हुए मनमाने तरीके से बिक्री मूल्य से अधिक में शराब बेची जा रही है।

एक माह में शराब विक्रेताओं पर कोई कार्यवाही नहीं —

इन शराब ठेकेदारों के खिलाफ वस्तु अधिनियम या वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के परिपालन में विगत एक माह में कोई कार्यवाही नहीं हुई। जबकि पिछले वर्ष शराब विक्रेताओं के द्वारा मूल्य से अधिक में शराब बेचने पर धार जिले की करीब चार दुकानों को एक-एक दिन के लिए निलंबित करते हुए 10-10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया था। उसके बाद शराब विक्रेताओं की नींद खुली और उन्होंने शराब दुकानों पर रेट लिस्ट लगा दी थी।

धार जिले में नहीं है किसी प्रकार का शराब विक्रेताओं को खौफ —

कोतवाली और नौगांव थाना क्षेत्र में खुलेआम गाड़ियां भर भर के शराब बेची जा रही है। इस अवैध शराब को एरिया के नाम से विख्यात कर रखा है। खुलेआम वाइन शॉप से थोक में शराब भर-भर के वाहन गांव-गांव भेजे जा रहे हैं।

गौर तलब है कि कुछ समय पहले गंधवानी क्षेत्र में एक शराब वाहन को पकड़ा गया था, वह भी एरिया में शराब सप्लाई कर रहा था। उस वाहन को अवैध शराब परिवहन का वाहन बताया गया और किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि धारा 42 के तहत लाने वाले बेचने वाले ओर पकडे जाने जाने वाले सब लोगो पर कार्यवाही का प्रावधान है। पकड़ा गया वाहन शराब विक्रेताओं के द्वारा संचालित वाहन था जिसे शराब विक्रेता के गुर्गे शराब भरकर गांव-गांव में शराब सप्लाई कर रहे थे।

नहीं देते है बिल, ना ही लगी होती हे POS मशीन —

इन सब के बावजूद अगर इन अवैध शराब बेचने वालों को और साथ ही जो ठेकेदार है उनको जब सत्ता का संरक्षण हासिल हो तो फिर बात ही क्या। राजपत्र आबकारी अधिनियम के गजट में खुला दर्शाया गया है या यूं कहे की अधिनियम में बताया गया है की हर दुकान पर POS (Point of Sale) मशीन लगी होना चाहिए बावजूद इसके किसी भी जिले में ठेकों पर शराब की pos मशीन नहीं लगी हुई है। यह सब आपकारी अधिकारियों की नाक की नीचे चल रहा खेल है।

यदि कोई दुकानदार किसी वस्तु को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक कीमत पर बेचता है, तो यह एक अपराध है। आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिससे उस दुकानदार पर जुर्माना लगाया जा सकता है और यहां तक कि सजा भी हो सकती है।

शिकायत कैसे करें:

1. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन:
आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 या 1915 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

2. ऑनलाइन शिकायत:
आप consumerhelpline.gov.in पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

3. उपभोक्ता फोरम:
आप अपने जिले के उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जहां आपको सबूत के तौर पर बिल और रसीद दिखानी होगी।

4. पुलिस शिकायत:
यदि दुकानदार एमआरपी से अधिक कीमत वसूलता है, तो आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

क्या कार्रवाई हो सकती है:

  • जुर्माना:
    पहली बार ऐसा करने पर दुकानदार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किया जा सकता है।

  • सजा:
    दूसरी बार अपराध करने पर दुकानदार को 50,000 रुपये तक जुर्माना या एक वर्ष की सजा हो सकती है। 

  • अन्य:
    उपभोक्ता को मुआवजा मिल सकता है।

अन्य सुझाव:

  • बिल मांगें:
    दुकानदार से हमेशा बिल या रसीद मांगें जिसमें उत्पाद का एमआरपी लिखा हो।
  • ऑनलाइन कीमत की तुलना करें:
    किसी उत्पाद को खरीदने से पहले, ऑनलाइन कीमतों की तुलना करें।
  • दुकानदार से पूछताछ करें:
    दुकानदार से एमआरपी के बारे में पूछें और यदि वह एमआरपी से अधिक पैसे मांगता है, तो उसे MRP पर उत्पाद बेचने के लिए कहें। 

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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