धार। उत्पातियों के बीच असहाय दिखाई दी पुलिस, एक पुलिस अधिकारी पहुंचा बीच बचाव करने, उत्पतियों की भीड़ ज्यादा होने से एक अकेला पुलिस कर्मचारी अपने आप को असहाय महसूस करते हुए भी बीच में बचाव करने गया और विवाद कर रहे युवकों को दूर करने का भरसक प्रयास किया, उस पुलिस अधिकारी के अदम्य साहस को सलाम।
आपको बता दे की धार शहर की गुलमोहर कॉलोनी में आपसी विवाद के चलते उपचार हेतु जिला चिकित्सालय पहुंचे दो पक्षों के बीच चिकित्सालय परिसर में फिर संघर्ष शुरू हो गया। धीरे-धीरे यह संघर्ष खूनी संघर्ष में बदल गया।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार इस खूनी संघर्ष में कुछ महिलाएं भी शामिल थी। युवकों के द्वारा महिलाओं के साथ भी मारपीट की गई। एक युवक को गंभीर चोंटे भी आने का अंदेशा है।
जिला चिकित्सालय में हुए इस सनसनीखेज मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें खुलेआम दिखाई दे रहा है कि किस प्रकार से कुछ युवकों में जिला अस्पताल परिसर में बिना किसी भय और पुलिस प्रशासन के डर के खुलेआम इस प्रकार से खूनी संघर्ष किया जा रहा है। इस प्रकार का कृत्य होना कहीं न कहीं शासन प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।
धार पुलिस अधीक्षक की मेहनत पर पानी फेरती धार पुलिस —
जिला पुलिस अधीक्षक जहां एक और अपराधियों में पुलिस का खौफ और आम जनता में पुलिस की अच्छी छवि बनाने के प्रयास लगातार कर रहे हैं, वहीं धार की पुलिस अपनी नाकामी को साबित करने से बाज नहीं आ रही है। धार शहर में अवैध कारोबारीयों सहित छूट भैया गुंडे मवालियों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं। जिला चिकित्सालय में हुए इस संघर्ष को देखते हुए साबित होता है कि इन लोगों में पुलिस का भय समाप्त हो चुका है। पुलिस की गाड़ी एवं पुलिस अधिकारी के मौके पर पहुंचने के बावजूद भी विवाद इस प्रकार से होना पुलिस की पुलिसिंग पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
इस संबंध में जब संबंधित थाना प्रभारी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अपराधियों को चिन्हित कर दंडात्मक एवं शांति भंग करने की धारा 151 की तहत कार्यवाही की जाएगी। दीपक सिंह चौहान थाना प्रभारी कोतवाली।

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