19/11/2025

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डीजे के साथ निकाली बंदर की अंतिम यात्रा, मृत्युभोज में शामिल हुए हजारों ग्रामीण

Monkey's funeral procession accompanied by DJ, thousands of villagers attend funeral feast

डीजे के साथ निकाली बंदर की अंतिम यात्रा, मृत्युभोज में शामिल हुए हजारों ग्रामीण

मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला एक अनोखे आयोजन से चर्चा का विषय बन गया है, जहां पिछले दिनों एक बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों ने मंगलवार को उसकी आत्मशांति के लिए बाकायदा मृत्युभोज का आयोजन किया। इसके लिए चंदा इकट्ठा कर व्यंजन बनवाए गए। इसमें भोज में दरावरी के अलावा दूसरे गांवों के लोग भी शामिल हुए।

राजगढ़। खिलचीपुर के समीपस्थ गांव दरावरी में पिछले दिनों एक बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों ने मंगलवार को उसकी आत्मशांति के लिए बाकायदा मृत्युभोज का आयोजन किया। इसके लिए चंदा इकट्ठा कर व्यंजन बनवाए गए। इसमें भोज में दरावरी के अलावा दूसरे गांवों के लोग भी शामिल हुए।

गिरने से हुई बंदर की मौत —

बताया गया कि सात नवंबर को गांव पर एक बंदर की मृत्यु हो गई थी। बंदर जंगल से गांव में आया था और उछल-कूद कर रहा था, तब ही गिरने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद आठ नवंबर को ग्रामीण मंदिर के समीप एकत्रित हुए और डोल बनाकर अंतिम यात्रा निकाली गई। आगे डीजे चल रहा था और पीछे ग्रामीण चल रहे थे। गांव के श्मशान में बंदर का भी अंतिम संस्कार किया गया।

इसके बाद ग्यारवें दिन सोमवार को गांव के पटेल बीरमसिंह सौंधिया पांच पंचों के साथ बंदर की अस्थियां लेकर उज्जैन गए थे। वहां पर पंडितों के द्वारा विधि-विधान के साथ क्षिप्रा नदी में अस्थियां विसर्जित की गईं। पटेल ने बंदर के लिए अपनी दाढ़ी भी बनवाई।

दाहसंस्कार किया था, इसलिए भोज भी किया —

ग्रामीणों का कहना था बंदर हनुमानजी की बानरसेना है। उसका दाह संस्कार हुआ था तो पूरा कार्यक्रम विधिविधान से करने का फैसला हुआ। ग्रामीणों ने मिलकर एक लाख रुपये का चंदा इकट्ठा किया। उस राशि से जरूरी सामग्री खरीदी गई। मंगलवार को भोजन में पूड़ी, सब्जी, सेव, नुक्ती गुलाबजामुन जैसे व्यंजन बने। उसके बाद ग्रामीणों को परोसे गए। यह आयोजन क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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