10/12/2025

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Sach Ke Sath

The attachment to the police station is not leaving me, I am stuck here in the name of duty

The attachment to the police station is not leaving me, I am stuck here in the name of duty

नहीं छूट रहा कोतवाली का मोह, ड्यूटी के नाम पर यहीं जमे !!

पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई को बनाया मजाक !

धार। पुलिस के शुस्त व लचर रवैया को देखते हुए जिला पुलिस कप्तान ने सभी थानों में पुलिस कर्मियों को इधर से उधर किया था। वहीं धार शहर के कोतवाली थाने की बात की जाय तो यहाँ से करीब 47 पुलिसकर्मियों का एक साथ तबादला होना कई सवाल खड़ा करता है।

इतना बड़ा तबादला होना कहीं ना कहीं इस और भी इशारा करता है कि पुलिस कप्तान को काफी समय से इस बात की शिकायत मिल रही थी कि कोतवाली थाने का पुलिसिया रुतबा समाप्त हो चुका है। उसके पीछे मुख्य वजह यह भी हो सकती है की सालों से कोतवाली थाने में जमे पुलिसकर्मी जिनके सभी लोगों से अच्छे संबंध बन गए थे। खासकर अवैध धंधे वालो से। कोई भी व्यक्ति आता और सेटिंग करके चला जाता। पुलिस को क्या करना उनकी तो जेब गर्म हो ही रही थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन सब शिकायतों के बावजूद यह लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे, जिसको लेकर जिला पुलिस कप्तान ने करीब 47 पुलिसकर्मियों का तबादला अन्यत्र थानों में कर दिया। इसके बाद भी त्योहारों की वीआईपी ड्यूटी को लेकर थाने में जमे पुलिस कर्मीयों का आखिर इस कोतवाली थाने से मोह क्यों नहीं छूट रहा …??

पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई को बनाया मजाक —

आपको बता दे की जिला पुलिस कप्तान द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए प्रत्येक मंगलवार को उनके कार्यालय पर जनसुनवाई की जाती है। जिसमें आम जनता की शिकायत को सुना जाता है और निराकरण किया जाता है।

गौरतलब है कि जिला पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में आवेदन देने के बाद भी महीनो तक कोई कार्रवाई नहीं होती है। खासकर जब आवेदन कोतवाली थाना पुलिस के विरुद्ध हो, कितने ही आवेदन जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के द्वारा कोतवाली थाने पर फॉरवर्ड किए जाते हैं, उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा थाना प्रभारी को शिकायतकर्ता के सम्बन्ध में कॉल करके कहा जाता हैं कि उक्त शिकायत का निराकरण जल्द से जल्द किया जाय और हमें अवगत करवाया जाय। बावजूद इसके महीनो बीत जाने के बाद भी शिकायत पर कोई कार्रवाई न होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है। खासकर कोतवाली पुलिस पर। इसी के चलते जिला पुलिस अधीक्षक महोदय ने करीब 47 पुलिसकर्मियों को थाने से बेदखल कर दिया था।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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