राजगढ़ पुलिस पर देह व्यापार के संगीन अपराधियों को मामूली धाराओं में निपटाने का आरोप है। पुलिस ने BNSS की धारा 170, 126-135 में कार्रवाई की है, जबकि देह व्यापार जैसे अपराध के लिए अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की धाराएं 3, 4, 5, 6, 7 और 8 लगनी चाहिए थीं।
देह व्यापार से संबंधित धाराएं:
– धारा 3: वेश्यालय में व्यक्ति को रखना या वेश्यावृत्ति के लिए जगह का उपयोग करना
– धारा 4: वेश्या द्वारा कमाए गए पैसों पर गुजारा करना
– धारा 5: वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से व्यक्तियों को खरीदना, बेचना, प्रेरित करना या ले जाना
– धारा 6: वेश्यावृत्ति से प्राप्त आय को बढ़ावा देना
– धारा 8: किसी महिला या लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए बहकाना, सहायता करना या प्रेरित करना
पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इससे अपराधियों को सजा मिलने की संभावना कम हो जाती है
सरदारपुर/धार। राजगढ़ पुलिस ने देह व्यापार के प्रकरण को मामूली धाराओं में निपटने का पूरा प्रयास किया है। BNSS की धारा – 170, 126-135 में इति श्री कर ली। जबकि प्रकरण अवैध देहव्यापार की धारावो में बनना था
क्या प्रावधान है, BNSS की धारा 170, 126-135 का ???
बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 170 एक संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए पुलिस द्वारा वारंट के बिना की गई गिरफ्तारी से संबंधित है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 126 और 135 के तहत अलग-अलग अपराधों के लिए कार्रवाई होती है।
धारा 126 में, अगर किसी व्यक्ति से शांति भंग होने की आशंका हो तो मजिस्ट्रेट उसे रोकने के लिए एक साल तक की सुरक्षा का नोटिस दे सकता है,
वहीं धारा 135 में गलत तरीके से किसी को बंधक बनाने या हमला करने से संबंधित प्रावधान हैं।
कानून की भासा में क्या होता है देह व्यापार ???
आपको बता दें कि देह व्यापार अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरूष या बच्चों की खरीद व बिक्री करना अवैध दुर्व्यापार (इममौरल ट्रैफिकिंग) की श्रेणी में आता है। ऐसा करना अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के अनुसार दण्डनीय अपराध है।
जिसमे BNSS की धार 3, 4, 5, 6, 7 एवं 8 में कार्यवाही होती है।
क्या है इन धाराओं के मायने ???
धारा 3, 4, 5 और 7 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 से संबंधित हैं, जो वेश्यालय रखने, वेश्यावृत्ति के लिए लोगों को प्राप्त करने और वेश्यावृत्ति के अपराधों से सम्बंधित हैं। ये धाराएँ मानव तस्करी, अनैतिक गतिविधियों और यौन उत्पीड़न से संबंधित गंभीर आपराधिक अपराधों को परिभाषित करती हैं।
अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की धारावों वर्णन ???
धारा 3: वेश्यालय में व्यक्ति को रखना या वेश्यावृत्ति के लिए जगह का उपयोग करना।
धारा 4: वेश्या द्वारा कमाए गए पैसों पर गुजारा करना।
धारा 5: वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से व्यक्तियों को खरीदना, बेचना, प्रेरित करना या ले जाना।
धारा 6: वेश्यावृत्ति से प्राप्त आय को बढ़ावा देना।
धारा 8: किसी महिला या लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए बहकाना, सहायता करना या प्रेरित करना।
गौर तलब है कि राजगढ़ थाना प्रभारी पूर्व में धार कोतवाली थाना प्रभारी थे, तब कोतवाली क्षेत्र में भी देह व्यापार से संबंधित लोगों को सिर्फ और सिर्फ धारा 151 के तहत कार्रवाई करके छोड़ दिया गया था। जिसमें हाल ही में पकड़े गए लोगों से सम्बंधित भी एक व्यक्ति शामिल था, जो इस फर्जी कार्यवाही से बाहर चले गए

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