धार। जहां एक और पुलिस कप्तान द्वारा संपूर्ण जिले में बड़ी मशक्कत से क्राइम का ग्राफ काम किया गया है, वहीं महिलाओं के लिए विशेष अभियान और एक महिला पुलिस थाना भी बनवाया गया। बावजूद इसके पीड़ित महिलाओं को कई बार थाना और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ते हैं। यह एक निंदनीय कृत्य है।
आपको बता दें कि ताजा मामला धार की एक महिला का है जिसके द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई थी कि एक व्यक्ति जिसका नाम आवेदन के अनुसार दीपक कराडे के द्वारा उसे लगातार परेशान किया जा रहा है। उस महिला ने शिकायती आवेदन में बताया गया था कि किस तरीके से वह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद ड्यूटी पर सिर्फ हाजिरी लगाकर दिनभर मोहल्ले में महिलाओं से छेड़खानी ओर अभद्र व्यवहार करता है। इसके साथ ही महिला के परिजनों पर झूठी शिकायत का दबाव बनाता है।
महिला के साथ आज फिर अभद्र व्यवहार और छेड़खानी की गई तब महिला ने सरेआम उस मनचले की पिटाई कर दी। पिटाई करने के बाद मामला थाने पहुंचा।
अब बात यह थी कि उक्त व्यक्ति एक सरकारी कर्मचारी है इसलिए वह अपने जोड़-तोड़ में लग गया और थाने पर पुलिस पर दबाव बनाने लगा। दबाव इतना रहा कि पीड़ित महिला थाने पर करीब 3 घंटे से न्याय की गुहार लगाती रही, पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी।
गौरतलब हो की चार दिन पहले भी एक महिला घरेलू हिंसा से प्रताड़ित होकर कोतवाली पर शिकायत करने पहुंची थी। जिसके साथ उसके पति व परिजनों ने मिलकर मारपीट की और उसका मोबाइल छीन लिया था। उसके बाद वह महिला जैसे तैसे कोतवाली थाने पर पहुंची जहां पर महिला की नहीं सुनी गई। महिला इधर-उधर अपने हाथ पेर मारती रही। कभी मीडिया को तो कभी अपने मायके वालों को लोगों से मोबाइल मांग-मांग कर फोन लगाती रही।

ताजा समाचार (Latest News)
सरकार के सपने को पलीता लगाने में जुटे सरकारी डॉक्टर ही
पुलिस की बड़ी सफलता 3000 किलोमीटर दूर असम से पकड़ा आरोपी
नगर में गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षद दल का धरना