मंदसौर। रविवार को ग्राम काचरिया चौपाटी पर हुआ हादसा दर्दनाक तो था ही कई परिवारों को भी जिंदगी भर का गम दे गया। टक्कर मोटरसाइकल व इको के बीच हुई। फिर इको कुएं में जा गिरी। दोनों वाहनों पर सवार 11 लोगों की मौत हो गई। इस पूरे हादसे में एक व्यक्ति ऐसा भी था जो न तो वेन में सवार था और न ही बाइक पर था।
हादसे को दूर से देखने के बाद वह वेन सवारों को बचाने के लिए कुएं में कूद गया। एक महिला, दो बच्चों सहित चार की जान बचा भी ली। पर जब फिर से कुएं में गए तो खुद भी जहरीली गैस की चपेट में आ गए और वहीं मौत हो गई।
लोगों की जान बचाने सीधे कुएं में उतर गए —
रविवार दोपहर में जिस खेत में हादसा हुआ उसके पास ही मनोहरसिंह पुत्र शीतलसिंह निवासी दौरवाड़ी का भी खेत हैं। तेज गति से आई मारुति इको को कुएं में गिरते देख वह भी भागे। पानी में वेन को गिरते देख दूसरे लोग भी भागते हुए आए। इसी दौरान मनोहरसिंह ने कुछ भी सोच विचार नहीं किया और कार सवारों की जान बचाने के लिए सीधे कुएं में उतर गए।
चार लोगों को जैसे-तैसे बाहर निकाला —
हालांकि वहां पहुंचे कुछ लोगों ने उन्हें कहा भी कि अभी साधन आ जाने दो फिर उतरेंगे। पर मनोहरसिंह ने कहा कि कार में सवार लोगों की जान बचाना जरुरी है। कुएं में पानी थोड़ा ज्यादा था पर मनोहरसिंह के जुनून ने हार नहीं मानी और कार सवार माया कीर, प्रियांशी, देवेंद्र और मुकेश को जैसे–तैसे बाहर निकाल लिया।

इसके बाद वह और भी लोगों को खोजने अंदर गए तो संभवत कुएं में बन रही जहरीली गैस की चपेट में आ गए या कुछ अन्य कारण से बाहर नहीं आ पाए। और अंदर ही रहने से मौत हो गई।
मनोहरसिंह का शव भी देर शाम को 11 वे नंबर पर बाहर लाया जा सका। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी मनोहरसिंह की मौत पर काफी गमजदा दिखे। और कई बार कुएं के ऊपर ही खड़े रहकर अंदर रेस्क्यू कर रहे लोगों से बात भी करते रहे।
गांव में छाया शोक, स्वजन बोलने की स्थिति में नहीं —
ग्राम दौरवाड़ी घटनास्थल से दूर है। दोपहर बाद जैसे ही मनोहरसिंह की मौत की खबर गांव में पहुंची वहां शोक छा गया। स्वजन को तो सदमा लगा कि वह रात तक बात करने की स्थिति में भी नहीं थे।

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