इंदौर के समीप देपालपुर में रुकवाया गया 36 नाबालिग युवक-युवतियों का का सामूहिक विवाह।
इंदौर। देपालपुर तहसील के ग्राम बछौड़ा में क्षत्रिय नायक समाज के सामूहिक विवाह समारोह में नाबालिग जोड़ों का विवाह प्रशासन की सजगता से रूकवाया गया। अक्षय तृतीया से पहले 25 मई को होने वाले समारोह में 49 जोड़ों का विवाह होना था, लेकिन दस्तावेज जांचे तो 36 नाबालिग निकले। आयोजको को समझाइश देने के बाद सिर्फ 13 बालिग जोड़ों का विवाह किया गया। वहीं आयोजको ने लिखित में दिया है कि अब कभी नाबालिग का विवाह नहीं कराएंगे।
इंदौर जिले में बाल विवाह की रोकथाम और जागरूकता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने अक्षय तृतीय पर विवाह राेकने के लिए उड़नदस्ता भी गठित किए है। इसके बावजूद देपालपुर तहसील में भी 25 अप्रैल को विवाह समारोह में नाबालिगों का विवाह होने जा रहा था। तीन दिन पहले प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने पर तहसीलदार लोकेश आहूजा और बाल विवाह विरोधी उड़ानदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक ने आयोजन समिति के सदस्यों को बुलाकर समझाइश दी।
कलेक्टर ने गठित किए दल —
जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर मिला एवं बाल विकास विभाग ने विशेष दल बनाए है। देपालपुर में सामूहिक विवाह समारोह में बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी उड़नदस्ता दल के महेंद्र पाठक, आशीष गोस्वामी और देवेंद्र पाठ को सौंपी गई। एसडीएम देपालपुर राकेश मोहन त्रिपाठी के निर्देश पर तहसीलदार लोकेश आहूजा ने आयोजन समिति को पहले ही निर्देशित कर दिया था कि नाबालिग का विवाह नहीं कराया जाए।
नाबालिग जोड़ों की होगी निगरानी —
तहसीलदार आहुजा का कहना है कि जिन नाबालिग जोड़ो का विवाह रोका गया है, उनकी निगरानी की जा रही है। सामूहिक विवाह समारोह में अधिकांश जोड़े उज्जैन और देवास जिले के नाबालिग निकले है। ऐसे में इनकी निगरानी के लिए संबंधित जिलों से भी संपर्क किया जा रहा है। अगर बाद मे उनका विवाह कहीं और कराया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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