धार। (सुनील कटारिया) जिले की सरदारपुर तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत संदला में करीब 37 लाख 75000 से अधिक की राशि से ग्राम पंचायत भवन का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य को लेकर मंत्री सरपंच की मिली भगत से भ्रष्टाचार चरम पर है। पंचायत मंत्री और सरपंच के द्वारा लगातार बगैर शील साइन के बिल धड़ल्ले से पास किये जा रहे हैं, इतना ही नहीं सरदारपुर जनपद सीईओ भी बगैर देखे जाने इन बिलों को पास कर रहे हैं।
आपको बता दे की मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा प्रमुखता से इस भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की गई थी। उसके बाद कुछ तथाकथित लोगों के द्वारा मध्य भारत लाइव न्यूज़ की खबर को कॉपी पेस्ट करके अपनी वाहवाही लूटी गई थी। उसके बाद भी आज तक इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं जनपद से संबंधित अधिकारियों की मिली भगत का इशारा करता है।
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी अपनी सर्जरी क्यों नहीं कर पा रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिली भगत इस भ्रष्टाचार में होना संभावित है। क्योंकि ईतने बड़े पैमाने पर पांचवें वित्त आयोग के द्वारा स्वीकृत राशि का दुरुपयोग होना कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत का इशारा करता है।
एक ₹500 के बिल पर अगर सील और हस्ताक्षर नहीं होती है तो उसे ऑडिटर रिजेक्ट कर देता है। वहीं पंचायत इंस्पेक्टर भी ईश और ध्यान नहीं दे रहें है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत इंस्पेक्टर को एक बड़ी राशि मंत्री सरपंच के द्वारा प्रदाय की जाती है। जिससे पंचायत इंस्पेक्टर आंख मिचकर बिलों को पास कर देता है। जबकि यह नियम विरुद्ध है। किसी भी प्रकार के बिल को बगैर सील और दस्तखत के पास करना गैर कानूनी है। इससे यह साबित होता है कि मंत्री सरपंच की मिली भगत के साथ-साथ पंचायत इंस्पेक्टर की भी मिली भगत इस प्रकार के कार्यों में लिप्त है।
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