19/05/2025

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Sach Ke Sath

सादिक और उसके साथी को आजीवन कारावास।

पांच साल पहले महू में एक लड़की की हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले लड़की के साथ दो युवकों ने दुष्कर्म किया था, इसके बाद 3 हिस्सों में काटकर अलग अलग इलाके में फेंक दिया था। माममे में कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू तहसील क्षेत्र में वर्ष 2019 में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करके शरीर के टुकड़े अलग-अलग स्थानों पर फेंकने की सनसनीखेज घटना में पांच वर्ष बाद अदालत का फैसला आया है। घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपित सादिक उर्फ लंगड़ा और अनूप माहेश्वरी को स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है।

तीन हिस्सों में काटकर अलग-अलग फेंका —

साल 2019 में महू में दरिंदगी की इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था। वर्ष 2019 में एक-दो अक्टूबर के बीच की रात को अंजाम दी गई दरिंदगी का खुलासा सुबह तब हुआ था, जब युवती के शरीर के तीन टुकड़े महू कस्बे में अलग-अलग स्थानों पर पड़े पाए गए थे। एक टुकड़ा सुखी गली में, दूसरा कंचन विहार इलाके में और एक अन्य जगह फेंका गया था। युवती के कपड़े एक खाली मकान में पड़े पाए गए।

हाथ में गुदे नाम से हुई थी पहचान —

आरोपितों ने युवती की पहचान छुपाने के उद्देश्य से शव को अलग-अलग इलाकों में फेंका था। लेकिन हाथ पर गुदा युवती का नाम आरोपित नहीं छुपा सके। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि इस नाम की युवती को बगदून थाने में कुछ दिन पहले गिरफ्तार करके लाया गया था। थाने के रिकार्ड के आधार पर युवती की मां और बहन के सैंपल से उसके डीएनए सैंपल का मिलान कराया गया। इस तरह पुलिस ने युवती की पहचान की थी।

सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का चला केस —

इसके बाद पुलिस ने सादिक उर्फ लंगड़ा और अनूप माहेश्वरी को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का आरोपित बनाया। दोनों ने पहले युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव के टुकड़े करके रात के अंधेरे में अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।

26 गवाहों के बयान, वीडियो क्लिप, जब्त हथियार आदि के आधार पर दोष साबित होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने दोनों आरोपितों सादिक और अनूप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक संध्या उइके द्वारा की गई थी।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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