धार। वैसे तो शहर में कई निजी चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं, लेकिन एक चिकित्सालय ऐसा भी है जिसकी कई बार मान्यता निरस्त हो चुकी है। पर उसके संचालक दोबारा नए नाम से मान्यता लेकर अपना काम शुरू कर देते हैं।
शहर में संचालित एक ऐसा ही निजी चिकित्सालय श्री सत्य साई हॉस्पिटल है जो की एक होटल में संचालित हो रहा है। आपको बता दे की अस्पताल की परमिशन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए मानको के अनुरूप बिल्डिंग का निर्माण होना चाहिए, पर यहां तो कुछ और ही हैं।
परमिशन में बड़ा दस्तावेगी खेल —
परमिशन के लिए जो निर्मित ऋतुराज होटल का नक्शा स्वास्थ्य विभाग में प्रस्तुत किया गया है उस नक़्शे के हिसाब से बिल्डिंग बनी ही नहीं है। बिल्डिंग में ना तो पार्किंग की व्यवस्था है ना ही नियमानुसार ऑपरेशन थिएटर की।
सुचना के अधिकार से हुआ बड़ा खुलासा —
सूचना के अधिकार अधिनियम से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस चिकित्सालय में ऐसे कई कर्मचारियों के नाम रजिस्ट्रेशन में उपयोग किए गए हैं जो सालों से इस चिकित्सालय में कार्यरत नहीं है या जिन्होंने काम ही नहीं किया। इससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पूर्व में भी इसी बिल्डिंग में संचालित ओम साइन राम चिकित्सालय को क्यों नियम विरुद्ध पाए जाने पर बंद कर दिया गया था।
संचालक बखूबी जानता है दस्तावेजी खेल —
फिर दस्तावेज खेल प्रारंभ हुआ और पुनः सत्य साइ के नाम से नई अनुमति ली गई। क्या स्वास्थ्य विभाग इसी प्रकार से नियम विरुद्ध चिकित्सालयो को जिले में अनुमति प्रदान करता है। जहां पर एमडी मेडिसिन तो दूर की बात है, एमबीबीएस डॉक्टर भी 24 घंटे ड्यूटी पर नहीं पाए जाते हैं। यहां पर सिर्फ विजिटिंग डॉक्टर के भरोसे मरीजों को उपचार दिया जाता है। यानि साफतौर पर देखा जाय तो आम जनता के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
ताजा समाचार (Latest News)
अखिल भारतीय क्षत्रिय कलोता समाज युवा संगठन की जिला कार्यकारिणी गठित
धूमधाम से निकली सर्वधर्म चुनरी कलश यात्रा, हजारों माता बहने हुई शामिल
सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत रक्तदान शिविर का आयोजन