धार। आज फिर आम जनता ने अपनी जागरूकता दिखाते हुए शराब ठेकेदार के वाहन को ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप शराब सप्लाई करते हुए रोक लिया। गाड़ी में तोड़फोड़ भी की गई, इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस गाड़ी को सादलपुर थाने पर ले गई और वा-वाही लूट ली। सादलपुर पुलिस ने बैठे बिठाये 34(2) का प्रकरण बना दिया या यूं कहे की पुलिस को ग्रामीणों ने पकी पकाई खीर सुपुर्द कर दी।
आपको बता दे की जब से नए शराब ठेके धार जिले में लागू हुए हैं, तब से पुलिस द्वारा या आबकारी विभाग द्वारा ठेकेदार एवं ठेकेदार के गुर्गो पर कोई कार्रवाई न की जाकर सिर्फ शराब ठेकेदारों के हाथ की कठपुतली बनना कहीं ना कहीं शराब ठेकेदारों को बड़ा नुकसान दे रही है। लगातार शराब ठेकेदार के वाहनों को रोक कर जब्त किया जाकर 34(2) का प्रकरण बनाया जा रहा है।
गौरतलब हो कि आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) में वाहन को राजसात किया जाता है। वाहन की जमानत नहीं होती है। साथ ही पकड़े गए माल को भी राजसात कर नस्ट किया जाता है। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो कुछ ही समय में शराब ठेकेदार को वाहनों से करोड़ों का नुकसान हो चुका है। होगा भी क्यों नहीं शराब ठेकेदार अपनी मनमानी के आलम इस प्रकार बरकरार रखे हुए हैं कि संपूर्ण धार जिले में बिक्री मूल्य से अधिक कीमत पर शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। ना कोई बोलने वाला, ना कोई सुनने वाला। पुलिस और आबकारी विभाग गांधी जी के तीन बंदर बनकर बैठ गए है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है।

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