धार। शहर के अंदर संचालित पराग स्वीट्स के नाम बड़े दर्शन खोटे की तर्ज पर चल रहा कारोबार। बड़ी मनमानी लगता है। पराग स्वीट्स पर खाद्य विभाग अधिकारी की मेहरबानी…..?
क्या लगता है खबर लगने के बाद होगी क्या कार्रवाई…..? यह होगी सिर्फ लीपापोती,,,!
ना कोई एमआरपी ना कोई डेट यह है पराग स्वीट्स की मनमानी….?
आपको बता दें कि जैसे जैसे त्योहार सामने आते है सरकार तरफ से चेतावनियां दे दी जाय या फिर खबरों के माध्यम से अधिकारीयों को जगाया जाय फिर भी जिम्मेदारों के सिर मे जू तक रेंगना चालू नही होती। विभागीय अधिकारी कोई करवाई भी करना नही चाहते।
पिछले कई बरसो से देखा जा रहा है की क्वालिटी कम होती जा रही है, जो त्योहारो पर बड़ी मात्रा में देखा जाता है।
कार्यवाही के नाम पर सिर्फ होती है खानापूर्ति और त्योहार पर ही दिखते हैं अधिकारी अपनी सजकता बाकि के दिनों मे इन पर क्यों नहीं होती कोई कारवाई… क्या इनपर खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारीयों की मेहरबानी होती है…?
मिठाइयों पर ना कोई बनाने की तारिक लिखी होती है ना कोई ख़राब होने की तारिक होती है, इतना ही नही इन पर एमआरपी भी नही लिखी होती है। ग्राहकों को इस प्रकार से माल बेचने पर अगर कोई घटना घटित होती है तो उसकी जवाबदारी किसकी होगी ? क्या अधिकारी दुकानदारों से नियम का पालन करवाने में सक्षम नहीं है..? या फिर दुकानदारो को अधिकारीयों का या कार्यवाही कोइ डर नहीं होता है..?
या फिर दोनों के ऊपर किसी बड़े नेता नगरी की मेहरवानी कह दो…?
क्या कार्यवाही सिर्फ छोटे दुकानदारों तक ही सिमित है, या फिर कभी बड़े दुकानदारों की भी पतारसी होंगी..?
कहीं शुभ-लाभ का चक्कर तो नहीं …?
पराग स्वीट्स पर पहले भी कई बार दुकान मे अनियमितताए पाई गईं, फिर भी दुकान के मालिक के मन मे प्रसाशन का कोई भय या डर नहीं …? क्या सब कुछ ले देकर हल हो जाता है।
दुकान मालिक की मनमानी के चलते सामग्री के ऊपर ना कोई निर्माण की तारिक होती ना उसकी एक्सपाइरी होती ना कोई एमआरपी होती है। क्यों इस जानकारी से वंचित रखा जाता है ग्राहकों को, कब मिलेगा न्याय? क्या इन पर होंगी कोई कार्यवाही …?
त्योहारो को देखते हुए प्रशासन को और शक्ति करना चाहिए सरकार के बनाए हुए नियमों का पालन करवाना चाहिए और अधिक से अधिक संख्या में दुकानों और कारखानो में जाकर मावा तेल घी दूध बेसन मैदा का सैंपल लेकर जांच करवाई जानी चाहिए। क्योंकि यह एक खाद्य की ऐसी वस्तु है जो की दीपावली के समय हर घर में लोगों द्वारा अधिक इस्तेमाल होती है।
क्या कहते है खाद एवं सुरक्षा अधिकारी का ???
खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी का कहना है की आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है। मैं दिखवाकर कार्रवाई करूंगा। सचिन लोंगरिया, जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी धार।
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