पुलिस की शरण लेकर पत्रकार को डराने दबाने का प्रयास किया जा रहा !!
धार। शहर में चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता में सुधार हेतु मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा नियम विरुद्ध एवं बगैर डिग्री धारी डॉक्टरो के द्वारा संचालित किए जा रहे चिकित्सालयों के विरुद्ध लगातार खबरों के माध्यम से जागरूकता लाई जा रही है।
मध्य भारत लाइव न्यूज ने खोल रखा है मोर्चा —
इसी के तहत मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा सत्य साई हॉस्पिटल के खिलाफ नियमों की अनदेखी व लापरवाहियों के संबंध में खबरें प्रकाशित की जा रही है। इन्हीं खबरों के प्रकाशन से बोखला कर सत्य साई हॉस्पिटल के संचालक द्वारा कई बार दादा पहलवानों के द्वारा चमकाने के प्रयास किए गए। जब मध्य भारत लाइव न्यूज इन सब से ना डरा नहीं दबा, तब संचालक दिलीप सक्सेना द्वारा पुलिस की शरण लि गई और पत्रकार को डराने दबाने का प्रयास किया जा रहा।
मध्य भारत लाइव न्यूज़ के संपादक के विरुद्ध अस्पताल संचालक के द्वारा थाने पर लिखित आवेदन दिया गया है, उस आवेदन में संचालक द्वारा बताया गया है कि मध्य भारत लाइव न्यूज़ का उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा, उनसे पैसों की मांग की गई और भी कई आरोप लगाए गए हैं, अब सत्य साई चिकित्सालय का संचालक यह साबित करें कि मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा सत्य साई हॉस्पिटल के संचालक से कब पैसों की मांग की गई, किस प्रकार से की गई और कितने रुपए की की गई।
आपको बता दे कि यह वही सत्य साई चिकित्सालय हैं जिसमें कई बार मरीजों की जान से खिलवाड़ किया गया। जयस संगठन ने भी कई बार इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कुछ वर्ष पूर्व भी इस चिकित्सालय पर कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज हुए थे। जहां पर इसमें कार्यरत डॉक्टर के ऊपर भी प्रकरण दर्ज हुए थे। आज भी इस चिकित्सालय में शासकीय चिकित्सक ड्यूटी के दौरान ऑपरेशन वगैरा करते हैं जो कि नियम विरुद्ध है। इतना ही नहीं यह चिकित्सालय पूर्ण रूप से अवैध है।
उक्त चिकित्सालय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करते हुए इस चिकित्सालय को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए। पूर्व में भी इस चिकित्सालय की बिल्डिंग पर इसी संचालक के माध्यम से एक ओम साई राम अस्पताल संचालित किया जा रहा था। जिसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियम विरुद्ध पाए जाने पर बंद कर दिया गया था। लेकिन यह संचालक जोड़-तोड़ में माहिर होने के बाद फिर से दूसरे नाम से चिकित्सालय की परमिशन लेकर के वहां पर अपना धंधा चल रहा है। गरीबों से लूट खसोट मचा रखी है।
अभी कुछ समय पूर्व की बात है कि एक प्रकरण में भोज हॉस्पिटल से एक्सीडेंटल केस की छुट्टी करवा कर यहां पर भर्ती करवाया गया था, जिससे 140000 रुपए की मांग की गई थी। बाद में मीडिया और जयस के हस्तक्षेप के बाद ₹30000 लेकर उस पेशेंट को छोड़ दिया गया था।
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