15/10/2025

madhyabharatlive

Sach Ke Sath

धार। जनसंपर्क अधिकारी धार जनसंपर्क विभाग के नियमों को नहीं मानते हैं और अपने ही मनगढ़ंत नियम पत्रकारों पर लागू करते हैं। आपको बता दें कि जनसंपर्क अधिकारी विट्ठल माहेश्वरी ने जब से धार का चार्ज संभाला है तब से पत्रकारों से आपसी समन्वय नहीं बना पाए हैं।

विट्ठल माहेश्वरी किसी भी VIP या CM प्रोग्राम में पत्रकारों को लेजाने के लिए खटारा किस्म की बसों की व्यवस्था करते हैं। जिन बसों में जाना पत्रकार मुनासिब नहीं समझते। हमेशा से उन बसों में दो से चार पांच पत्रकार बड़ी मुश्किल से जाते हैं। इतना ही नहीं पत्रकारों के भोजन एवं पीने के पानी की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हो पाती।

हाल ही की बात की जाए तो प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के आदेश या नियम की हार्ड काफी समस्त विभागों को प्रस्तुत की गई थी। बावजूद इसके जनसंपर्क अधिकारी विट्ठल माहेश्वरी द्वारा अपने मनगढ़ंत नियमों को लेकर कई पत्रकारों के कार्ड निरस्त कर दिए गए।

हालांकि देर रात्रि प्रभावशील पत्रकारों के या पत्रकारों के ठेकेदार के कहने पर उनके कार्ड बनाए गए, जबकि ऐसा किसी प्रकार से कहीं नियम नहीं है कि जो पत्रकार मैदानी स्तर पर कार्य कर रहे हैं उनके कार्ड न बनाया जाए।

जनसंपर्क विभाग की अधिकृत वेबसाइट एमपी इंफो पर पत्रकारों के समस्त नियमों की नियमावली राजपत्र में वर्णित है। उसमें स्पष्ट लेख है की वेबसाइट से रिलेटेड पत्रकारों को क्या-क्या पत्रताएं हैं। उनको अधिमान्यता सहित मध्य प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रारंभ की गई पत्रकार सुरक्षा बीमा योजना तक के लाभ दिए जाते हैं, तो फिर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में पत्रकार को प्रवेश पास क्यों नहीं दिया जाता। यह तो सिर्फ विट्ठल माहेश्वरी ही जानते हैं।

अगर इनके पास इस प्रकार से कोई लिखित आदेश या नियम हो तो कृपया यह पत्रकारों के बीच साझा करें, अन्यथा अपने मनगढ़ंत नियमों को या फिर पत्रकारों के ठेकेदार बने लोगों के कहने पर पत्रकारों के साथ पक्षपात न करें। पत्रकार को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ इसलिए नहीं कहा गया कि वह किसी अधिकारी या किसी ठेकेदार की गुलामी करें। पत्रकार स्वतंत्र होता है जो अपनी बात प्रशासन तक आसानी से पहुंचा सकता है। पत्रकार की आवाज जनता तक पहुंचे यही उसका प्रथम धर्म होता है।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी