उपायुक्त के दण्डादेश को रखा गया यथावत। नहीं लगेगी वेतनवृद्धि।
शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न करने, आदेशों की अव्हेलना करने, भवन के दुरुपयोग का पाया गया था दोषी।
धार। शहर के घोड़ा चौपाटी स्थित सीएम राइज स्कूल की कैंपस शाला माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 के तत्कालीन हेडमास्साब लोकेंद्र सिंह राठौड़ की वेतनवृद्धि उपायुक्त जनजातीय विभाग इंदौर के द्वारा सीएम राइज योजना को असफल करने, चालीस छात्रों को शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित कर ड्रॉपआउट करवाने, शासकीय भवन में पार्टियां करने, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशो की अव्हेलना करने, मनमर्जी से स्कूल चलाने आदि के आरोप सिद्ध होने के बाद रोक दी गई थी।
उपायुक्त के इस दण्डादेश के विरुद्ध राठौड ने आयुक्त, इंदौर संभाग को अपील की थी। आयुक्त ने अपील में सुनवाई के बाद 15 जुलाई को राठौर मास्टर की अपील को खारिज कर उपायुक्त द्वारा पारित दण्डादेश को यथावत रखा है। इस दण्डादेश को यथावत रखे जाने के बाद अब राठौड मास्टर की जुलाई माह में लगने वाली वेतन वृद्धि नहीं लगाई जाएगी जिससे इन्हें आर्थिक नुकसान होगा।
दूसरी तरफ राठौड मास्साब के क्रियाकलापों और शासकीय कार्यों में लगातार बाधाएं उत्पन्न करने के कारण राठौड़ को प्रशासकीय रूप में माध्यमिक माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 धार से माध्यमिक विद्यालय, अनारद स्थानांतरित कर दिया है, जहां ये ज्वाइन भी हो गये है।
यह था पूरा मामला —
सीएम राइज स्कूल धार की कैंपस शाला माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 में जून तक लोकेंद्र राठौड़ हेडमास्टर थे। इन्होंने अपनी मनमर्जी से अन्य शिक्षिकाओं के साथ मिलकर विद्यालय की उपस्थिति पंजी अलग बना ली, शाला समय में ही छात्रों से सजावट करवाकर पार्टियां की गई, विद्यालय के संचालन में लगातार बाधाएं उत्पन्न की गई, वरिष्ठ अधिकारियों की झूठी शिकायते की गई , चालीस छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित कर ड्रॉप आउट करवा दिया गया जिसकी जांच समिति द्वारा करवाई गई थी। जांच में राठौड़ सहित शिक्षिकाओं को भी सीएम राइज योजना को फेल करने का दोषी पाया गया था।
इसके बाद उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग इंदौर ने दोषी पाए गए शिक्षक लोकेंद्र राठौर, शिक्षिका कंचन घोटे, ज्योतिबा शर्मा आदि की एक एक वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से रोक कर दंडित किया था। उपायुक्त के इस दण्डादेश के विरुद्ध इन सभी ने आयुक्त को अपील की थी। दोषी पाई गई शिक्षिकाएं कंचन घोटे, ज्योतिभा शर्मा की अपील पूर्व में ही आयुक्त खारिज कर चुके हैं और हाल में ही लोकेंद्र राठौड की भी अपील खारिज कर दी गई है।
महिला शिक्षकों से भी राठौड़ ने किया अभद्र व्यवहार, जांच में पाया गया दोषी —
माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 में अपनी पदस्थापना के दौरान राठौड मास्टर के द्वारा शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के लिए बनाई गई समिति द्वारा इनके स्कूल के निरीक्षण के दौरान महिला सदस्यों से अभद्र व्यवहार किया गया था जिसकी शिकायत की जांच तीन सदस्यीय समिति ने की थी । इस जांच में भी राठौड़ मास्टर को दोषी पाया गया है।
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