इंदौर। चिटफंड कंपनियों में लाखों निवेशकों के अरबो रुपये फंसे हुए हैं। कई हजार करोड़ रुपए चिटफंड कंपनियों ने डकार लिए हैं। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लोग इसके प्रलोभन में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुके हैं। पिछले कई सालों से इन कंपनियों में फंसे रकम की वापसी को लेकर गुहार लगा रहे हैं निवेशक लेकिन लोगों को पैसे नहीं मिल पा रहे हैं।
चिटफंड कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये फंसे —
दरअसल कुछ साल पहले मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों की बाढ़ सी आ गई थी। प्रदेश के लगभग हर कस्बे में इनके दफ्तर खोल दिए गए थे। सरकार की आंखों के नीचे राजधानी भोपाल एवं इंदौर में बड़े-बड़े ऑफिस खुल गए थे। लोगों को एक तरह भरोसा हो गया था कि उनका पैसा कम समय में दुगना हो जाएगा। बस चिटफंड कंपनियों ने इसी तरह सपना दिखाकर लोगों की उस कमाई पर डाका डाला जिसे लोग बच्चों की पढ़ाई, शादी, मकान या फिर बुढ़ापे के सहारे के तौर पर जमा किया था।
लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई चिटफंड में फंसी है उसको दिलाने के लिए कवायद शुरू
कमला पार्क भोपाल में मीटिंग रखी गई थी। यहां आगामी तारीख मैं भोपाल में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मध्य प्रदेश के सभी चिट फंड कंपनी से जुड़े लोग राजधानी भोपाल आकर आंदोलन में सम्मिलित होंगे।
बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने यह निर्णय लिया कि अगर हमारी बातें नहीं सुनी तो मध्य प्रदेश के तमाम हाईवे रोड पर चक्का जाम किया जाएगा। हम लोगों ने बहुत से आवेदन दिए है, सांसद से लेकर विधायक मुख्यमंत्री सभी को यह मामला संज्ञान में है। फिर भी हम लोगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग चिट फंड कंपनी के नाम पर आत्महत्या कर चुके हैं।
हमारी सरकार अंधी बेरी और गूंगी हो गई है उसको जगाने के लिए अब आंदोलन ही आखरी उपाय है।
उक्त बैठक में ओम प्रकाश पटेल, कमल किशोर, कुंडल कन्नौज, बाबूलाल चौधरी देवास, नरेश, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, बोथराजी आगर, कैलाशपुरी, परमानंद शाहजहांपुर, राहुल झंझा, जितेंद्र दाहोदिया धार आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।
उक्त जानकारी निवेशक जितेंद्र दाहोदिया धार द्वारा दी गई।
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