जांच कर्ता सरकारी डॉक्टर खुद जाते हैं KSS में सर्जरी करने, कैसे होगी निष्पक्ष जांच और क्या होगा जांच का निर्णय।
“सूचना का अधिकार” (Right to Information) अधिनियम के तहत, एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है। इसका मतलब है कि सरकारी विभाग से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है, जो पहले सार्वजनिक नहीं थी। यह खुलासा आरटीआई (RTI) आवेदन के माध्यम से किया जाएगा, जिसके द्वारा कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार रखता है।
धार। लगातार मीडिया की सुर्खीयां बटोर रहां KSS हॉस्पिटल नई समस्याओं में घिरते जा रहा है। आपको बता दे की KSS हॉस्पिटल की लगातार शिकायतें हो रही है। मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा विशेष रूप से KSS हॉस्पिटल के काले कारनामों को लगातार उजागर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व में धार के सीएमएचओ कार्यालय द्वारा गठित जांच दल के द्वारा एक निजी चिकित्सालय ओम साई राम को नियम विरुद्ध पाए जाने पर उस पर कार्रवाई करते हुए बंद करवा दिया गया था। वह इन्हीं धर्मेंद्र कुशवाहा के नाम से संचालित हो रहा था। बता दे की ओम साई राम हॉस्पिटल को ब्लैक लिस्ट करते हुए बंद कर दिया गया था। बाद में दोबारा से इन लोगों ने दूसरे नाम से सत्य साई हॉस्पिटल के नाम पर परमिशन ली गई और उस पर भी खूब नियम विरुद्ध कार्य किया गया। जिसकी खबरें पूर्व में भी मध्यभारत लाइव द्वारा प्रकाशित की गई थी।
KSS हॉस्पिटल की जाँच के लिए जांच दल गठित —
अभी हाल ही में मध्य भारत लाइव न्यूज़ के द्वारा खबरें प्रकाशन और शिकवे शिकायत के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा KSS हॉस्पिटल की जाँच के लिए जांच दल गठित किया गया हे, जिसमें वही डॉक्टर हैं जिन्होंने पूर्व में ओम साई राम हॉस्पिटल की परमिशन दी थी। बाद में KSS हॉस्पिटल के लिए भी जोड़ तोड़ में लग गए हैं। उनका सभी प्रकार से स्पेस्लिस्ट झोलाछाप डॉक्टर धर्मेंद्र कुशवाहा पर वरदहस्त होना प्रतीत होता हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह हमेशा कुशवाहा को सपोर्ट करते हैं। उनका नाम जांच दल में गठित होना कहीं ना कहीं चर्चा का विषय बना हुआ है।
“अंधा बांटे रेवड़ी और घर-घर के खाए” इस कहावत को चरितार्थ करता जांच दल —
लगातार खबरों के प्रकाशन और शिकवे शिकायत के बाद धार सीएमएचओ डॉक्टर राकेश कुमार शिंदे द्वारा KSS हॉस्पिटल की जाँच के लिए एक जांच दल गठित किया गया है, जिसमें ओम साई राम जैसे अवैध हॉस्पिटल को परमिशन देने वाले पूर्व प्रभारी सीएमएचओ एवं सिविलसर्जन कोही जांच दल में शामिल किया गया है। अब जिन डॉक्टर द्वारा पूर्व में इस प्रकार से अवैध हॉस्पिटल की अनुमति प्रदान की गई थी, क्या वह सही और पारदर्शिक रूप से निष्पक्ष जांच कर पाएंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
जांच अधिकारी खुद KSS हॉस्पिटल में सेवाए देने जाते हैं —
जांच अधिकारी डॉक्टर खुद KSS हॉस्पिटल में सर्जरी करने जाते हैं और वही डॉक्टर जिला चिकित्सालय में पूर्व में कार्यरत थे, तब से इन लोगों की मिलीभगत व मित्रता बनी हुई है। इसी का फायदा यह लोग लगातार उठा रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय से जो जांच दल बना है उसमें इस डॉक्टर का नाम भी शामिल है जो उक्त फर्जी हॉस्पिटल में जाकर चोरी छुपे सर्जरी करते हैं।
रजिस्ट्रेशन में जिन लोगों के नाम आ रहा थे, उन लोगों ने दिया सीएमएचओ कार्यलय पर शिकायती आवेदन —
आपको बता दे कि KSS हॉस्पिटल की मान्यता के लिए प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में जिन लोगों के नाम आ रहे हैं, उन लोगों ने कभी KSS हॉस्पिटल में कार्य किया ही नहीं। वह लोग पिछले तीन-चार सालों से दूसरे निजी चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन लोगों का नाम सुचना के अधिकार अधिनियम से प्राप्त दस्तावेज अनुसार सत्य साई हॉस्पिटल और KSS हॉस्पिटल दोनों के रजिस्ट्रेशन में सम्मिलित है। इन लोगों द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पर उपस्थित होकर सीएमएचओ को आगामी कार्यवाही हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है।
सूचना के अधिकार अधिनियम से प्राप्त जानकारी एवं दस्तावेज के अनुसार जल्द ही आपके समक्ष विस्तृत खबर। अधिक जानकरी और सही खबर के लिए मध्यभारत लाइव न्यूज़ को फेसबुक पर like एवं फालो अवश्य करें।
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