01/10/2025

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Sach Ke Sath

Treatment was done for only 15 to 20 minutes, death occurred due to critical condition

Treatment was done for only 15 to 20 minutes, death occurred due to critical condition

15 से 20 मिनट ही उपचार किया गया, हालत गंभीर होने से हुई थी मौत

कंचन हॉस्पिटल के चिकित्सक के समर्थन में आम जनता ने सौंपा ज्ञापन।

तन्वी जायसवाल पिता आशीष जायसवाल की मृत्यु के चलते कंचन अस्पताल की बातें सामने आ रही थी, आज ज्ञापन ने एक नया मोड़ ले लिया।

ज्ञापन में चिकित्सक पर दर्ज असत्य एवं आधारहीन प्रकरण वापस लेने की मांग रखी गई।

सरदारपुर/धार। विगत दिनों कंचन हॉस्पिटल राजगढ़ के चिकित्सक के विरुद्ध दर्ज प्रकरण को वापस लेने की मांग को लेकर सरदारपुर एवं राजगढ़ ग्रामीण क्षेत्र की जनता द्वारा जन सेवा समिति के माध्यम ज्ञापन दिया गया।

सभी लोग गुरुवार को बस स्टैंड सरदारपुर से पैदल मोर्चा निकालकर एसडीएम कार्यालय सरदारपुर पहुंचे और एसडीएम आशा परमार को ज्ञापन सोपा। पैदल मोर्चे में महिलाओं सहित बड़ी संख्या में आम जन शामिल हुए।

ज्ञापन में बताया गया कि डॉ एमएल जैन साहब द्वारा विगत 30 वर्ष से अधिक समय से क्षेत्र की जनता की सेवा दिन-रात किसी भी भेदभाव एवं बिना किसी लालच के की जा रही है। डॉक्टर जैन के द्वारा आदिवासी बहुल्य गरीब क्षेत्र में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा निम्न दामों पर उपलब्ध करवाने के लिए कंचन हॉस्पिटल प्रारंभ किया गया। जहां opd शुल्क मात्र 10 रुपए ही है।

विगत माह कंचन हॉस्पिटल के चिकित्सको के विरुद्ध आधारहीन प्रकरण दर्ज होने से डॉक्टर जैन साहब के द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का बड़ा कदम उठाया गया। जिससे क्षेत्र की जनता शासकीय अस्पताल सरदारपुर में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हो गई।

हमने देखा कि श्री आशीष जायसवाल द्वारा वीडियो के माध्यम से जो असत्य आरोप कंचन हॉस्पिटल के विरुद्ध लगाए गए हैं और FIR की गई है, उसका सरदारपुर क्षेत्र का जनमानस खंडन करता है।

प्रथम असत्य (ज्ञापन के आधार पर) —

आशीष जायसवाल ने अपनी लिखित शिकायत में बताया था कि उनकी बेटी की स्थिति 20 अक्टूबर की सुबह गंभीर थी जो की वीडियो में वह सामान्य बोल रहे हैं।

द्वितीय असत्य —

जिस वीडियो में बताया कि इलाज कई दिनों से अस्पताल में चल रहा था जबकि 20 अक्टूबर की सुबह मूर्छित अवस्था में पहली बार कुमारी तनवी को लाया गया था। एमबीबीएस डॉक्टर वहां मौजूद थे एवं इस बात की पुष्टि टीम द्वारा भी की गई थी।

तीसरा असत्य —

आरोपी की लापरवाही से मरीज की मृत्यु हुई, जबकि मरीज को मूर्छित अवस्था में लाया गया था केवल 15 से 20 मिनट ही अस्पताल में रहि और सरकारी डॉक्टर राहुल कुलथिया ने भी जांच में लिखित में दिया कि मरीज की स्थिति अति गंभीर थी।
जांच टीम की रिपोर्ट में भी यही पाया गया कि ऐसा कोई भी दवा नहीं दी गई जिससे कि मरीज की मृत्यु हो सके एवं परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने के कारण कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका।

Treatment was done for only 15 to 20 minutes, death occurred due to critical condition

सभी बातें से साफ है कि आशीष जायसवाल को कंचन अस्पताल एवं डॉ जैन के इलाज पर भरोसा नहीं था। इसलिए वह पहले तीन-चार दिन राजगढ़ के अन्य डॉक्टरों से इलाज ले रहे थे एवं जिस भी कारण से बेटी की तबीयत बिगड़ी वह पहले डॉक्टर राहुल कुलथिया के पास गए और कोई विकल्प नहीं मिलने पर मजबूरी में कंचन अस्पताल आए। 

अधिकारियों को दिए गए लिखित बयान और वीडियो में कहे गए कथन दोनों में गंभीर स्थिति को सामान्य बताना एवं अन्य बातों से यह साबित होता है कि यै सब कार्यवाही एक सोची समझी कोशिश है अस्पताल एवं जैन साहब की छवि को धूमिल करने की। इमरजेंसी में निस्वार्थ सेवा एवं मानवता रखना ही कंचन अस्पताल की गलती है।

ग्रामीण जनता, राजगढ़ सरदारपुर की जनता ने ज्ञापन के माध्यम से कंचन हॉस्पिटल राजगढ़ के चिकित्सको के विरुद्ध विगत माह दर्ज प्रकरण का कोई आधार नहीं है इसलिए इसे वापस लिया जाए।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी