धार। (संतोष चंदेल) धार जिले में लगातार शराब की तस्करी चरम पर है। आपको बता दे की जब से दारू के ठेके में सीएम के नाम का उपयोग हो रहा है, तब से धार जिले में शराब ठेकेदारों की मनमानी का आलम मानो आसमान छू रहा है। जहां एक और शराब ठेकेदार अधिकतम बिक्रि मूल्य से अधिक पर शराब बेच रहे हैं, वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानों से गाड़ियां भर-भर के ग्रामीण क्षेत्रों में एरिया के नाम पर शराब सप्लाई की जा रही है।
आबकारी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार लाइसेंसी शराब दुकान से एक व्यक्ति को एक पेटी बियर 650-12 एवं दो बोतल शराब 700 * 2 के अलावा शराब देना कानून अपराध है। अगर एक व्यक्ति के पास इससे अधिक मात्रा में शराब या यूं कहे की बल्क में शराब पाई जाती है तो वह आबकारी अधिनियम के अंतर्गत जुर्म होता है। जिसके तहत सजा या जुर्माने दोनों का प्रावधान है।
शराब ठेकेदारों की मनमानी का आलम चरम पर —
धार जिले में जब से नए ठेके हुए हैं सैकड़ो गाड़ियां शराब ठेकेदारों के द्वारा एरिया में सप्लाई के लिए दिन-रात भेजी जा रही है। इसके लिए उनका अलग ही मैनेजमेंट सिस्टम है। न पुलिस का भय न आबकारी की रोक टोक प्रतिदिन सुबह से लेकर देर रात्रि तक शराब दुकान से गाड़ियां थोक में शराब भर-भर के ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही शराब को डायरी का नाम दिया जाता है। शराब ठेकेदार ने खुद स्वयंभू बनकर ग्रामीण क्षेत्रों में मिनी यानी कि छोटे ठेके डाल दिए हैं। यह एक प्रकार से कानूनी जुर्म है।
संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस क्यों नहीं कर पाती कार्यवाही —
शराब ठेकेदारों के द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही शराब के ऊपर थाना पुलिस क्यों नहीं कर पाती है कार्यवाही इसके पीछे क्या कारण है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन थाना प्रभारीयों को महीने की बंदी जाती है। जिससे साफ जाहिर होता है कि थाना पुलिस कहीं ना कहीं इन शराब विक्रेताओं को अवैध शराब बिक्री करने का लाइसेंस अवैध रूप से जारी कर रही है।

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