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Hindi is the language to express our feelings – Chief Minister Shri Chouhan

Hindi is the language to express our feelings – Chief Minister Shri Chouhan

हिंदी हमारे भाव को व्यक्त करने की भाषा- मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा ग्वालियर के हिंदी भवन का किया भूमि-पूजन। 

भोपाल जनसम्पर्क। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हिंदी हमारे भाव को व्यक्त करने की भाषा है। आज हिंदी का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हो रहा है। भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जब याद आते हैं तो उनका मनमोहक स्वरूप याद आता है। माँ सरस्वती उनकी जिव्हा पर विराजती थी। उनका भाषण ओजस्वी होता था। हिंदी के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ग्वालियर में मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा ग्वालियर के हिन्दी भवन के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई के साथ अपने अनुभव साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हिंदी को पूरी दुनिया में स्थापित कर रहे हैं। हिंदी भाषी बच्चों को समस्या न हो। इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश में हिन्दी में भी मेडिकल की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है। ग्वालियर में भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के हिंदी भवन का भूमि-पूजन कर मुझे खुशी है। भवन का निर्माण भी जल्दी पूरा किया जाएगा।

केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अटल जी की मंशा थी कि साहित्य को बढ़ावा दिया जाए। इस दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय प्रयास किए। आज यहाँ हिंदी भवन का भूमि पूजन किया गया है। इससे यहाँ सभागार में बड़े आयोजन हो सकेंगे और अटल जी का स्वप्न पूरा होगा।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो मध्यप्रदेश की भूमि ने अनेक नवरत्नों को जन्म दिया है, जिनमें साहित्य के दृष्टिकोण से माखनलाल चतुर्वेदी, अटल बिहारी बाजपेई आदि शामिल हैं। मध्यप्रदेश की भूमि साहित्य की दृष्टि से ऐतिहासिक भूमि है। हिंदी साहित्य को एक नई ऊर्जा देने में, दिशा देने में मध्य भारत हिंदी साहित्य सभा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो 1902 में स्थापित हुई। मध्य भारत हिंदी साहित्य सभा ने साहित्य और कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर ने कार्यक्रम की रूपरेखा मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला। श्री पराड़कर ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्य सभा की स्थापना वर्ष 1902 में हुई और तब से यह हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। कई प्रतिभाएँ इससे जुड़ी हैं।

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री और ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील चंद्र त्रिवेदी सहित गणमान्य नागरिक और साहित्यकार उपस्थित रहे।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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