धार। जहां एक और संपूर्ण जिले में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन थाना प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारियों की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं जिला पुलिस अधीक्षक की कड़ी मेहनत से संपूर्ण जिले में सट्टे जैसे व्यवसाय पर रोक लगाई गई है। बावजूद इसके विश्व पर्यटन नगरी मांडव में सट्टा संचालित होना पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
मांडव पर्यटन नगरी जहां पर खुलेआम चल रहा सट्टा व्यवसाय, सट्टा, मटका, तितली भंवरा ऐसी कई चीजे चलाई जा रही है। जो की आदिवासी क्षेत्र होने के कारण घर का आटा बेचकर यहां के लोग सट्टा खेलने जा रहे हैं।
मांडू आज भी आर्थिक स्थिति से परेशान है। मांडव में व्यवसाय के कोई साधन नहीं है। वहीं पुलिस की नाक के नीचे वार्ड क्रमांक 4 जोगी झिरी के जंगल में खुलेआम सट्टा संचालित हो रहा है।
पुलिस की सहमति या चोरी छिपे चलाया जा रहा सट्टा। वरिष्ठ अधिकारियों तक खबर नहीं हो यह तो हो ही नहीं सकता।
यह तो असम्भव है कि मांडू थाना प्रभारी को मालूमात ना हो। और भी कई संदिग्ध मामले यहां पर चल रहे होंगे, यहां पर सट्टा संचालित होना कोई बड़ी बात नहीं।
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