धार। जहां एक और मध्य प्रदेश सरकार कई प्रकार से आदिवासी बालक बालिकाओं को पढ़ाने के अथक प्रयास कर रही है, जिसके तहत कई प्रकार से हॉस्टल एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए गए हैं। इन विद्यालयों में बच्चों की देखरेख और बच्चों की परवरिश के लिए अधीक्षकों की भी नियुक्तियां की गई है, वही यह अधीक्षक अपनी मनमानियां से बाज नहीं आ रहे हैं।
एक बड़ा ही निर्दयी और ह्रदय विदारक मामला धार जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय गरड़ावद ग्राम लबरावदा का सामने आया है। जहां पर हॉस्टल अधीक्षक की लापरवाही एवं बर्बरता का जीता जागता प्रमाण दिखाई दिया है।
चपरासी जमाई की मनमानी बच्चों पर बर्बरता —
हॉस्टल अधीक्षक का जमाई जो वहीं पर चपरासी की नौकरी करता था, अब ससुर हॉस्टल अधीक्षक है तो जमाई वहां का मालिक बनकर ही रहेगा और पूरी मनमानी चलाएगा, इसी के चलते हॉस्टल के पियून राजेश भाबर द्वारा उस हॉस्टल में निवासरत एक बालक जिसका नाम राज पिता गुलाब सिंह है, जिसको इतनी बेरहमी से पिटा और उठाकर जमीन पर फेंक दिया (प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार) जिससे उसके सिर में गंभीर चोंटे आई और बच्चा लहू-लुहान हो गया था, जिसे वहां पर उपस्थित नर्स व स्टाफ ने जिला चिकित्सालय में इलाज हेतु भेजा था।
इतना नहीं इस घटना की सूचना भी वहां के लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार अधीक्षक द्वारा उसके माता-पिता को नहीं दी गई। वहीं के कर्मचारियों द्वारा जब उसे पता चला कि बच्चे के सिर में गंभीर चोट आई है, तब वह अस्पताल पहुंचा और बच्चे का पूर्ण रूप से इलाज करवाया।
जब उसे पूरे मामले की जानकारी लगी कि राजेश भाबर द्वारा उस बच्चे को बेरहमी से पीट कर उसे घायल कर दिया लहू-लुहान कर दिया, तब उसने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की और राजेश भाबर को वहां से हटाने के लिए आवेदन पत्र भी दिए गए। इसके बाद अधिकारियों द्वारा राजेश भाबर को हटा दिया गया।
ससुर को हजम नहीं हुई जमाई को हटाने की बात —
यह बात वहां के अधीक्षक बलवंत गावस्कर को हजम नहीं हुई क्योंकि वहां पर उनका जमाई जमाई की तरह रहता था। जब उसे वहां से हटा दिया गया तब वहां के अधीक्षक गावस्कर ने अपनी आपसी द्वेष भावना के चलते वहां पर कार्यरत ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ गुलाब सिंह पटेल और उनकी पत्नी योगिता पटेल को बगैर किसी कारण के तीन दिनों तक लगातार नोटिस दिए और तीसरे दिन उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
गरीब आदिवासी परिवार बेरोजगार हो गया —
उक्त पीड़ित परिवार गुलाब सिंह और उसकी पत्नी गरीब होने के साथ-साथ बेरोजगार हो गए और सड़क पर आ गए।
इस प्रकार के कृत्य करने वाले हॉस्टल अधीक्षकों पर आखिर क्यों करवाई नहीं होती है।
इतना ही नहीं विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हॉस्टल अधीक्षक का कई बार तबादला भी कर दिया गया है। बावजूद इसके हॉस्टल अधीक्षक अंगद के पैर की भांति वहीं एकलव्य आदर्श आवासी छात्रावास में अपने पैर जमाए हुए हैं। वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
वहां के कार्यालयिन सूत्रों से पता चला है कि हॉस्टल अधीक्षक बलवंत गावस्कर वहां के मेष एवं जो चार्ज प्राचार्य को होते हैं वह चार्ज भी नहीं दे रहा है और स्वयं ही वहां का स्वयंभू बनकर अपने कार्य कर रहा है।
अब देखना यह होगा की समाचार प्रकाशन के बाद प्रशासन इस प्रकार के गैर जिम्मेदार अधीक्षक पर क्या कार्रवाई करता है।
आप एक लिखित शिकायती आवेदन संबंधित से दिलवा दीजिए हम जांच करवाते हैं। श्रीमती मनीष गौतम– सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग धार।
ताजा समाचार (Latest News)
अवैध सट्टे का संचालन जोरो से चल रहा, वायरल वीडियो से खुली पोल
इतनी बड़ी घटना के बावजूद भी नहीं समझ रहे पटाखा व्यापारी, प्रसाशन को बड़े हादसे का इंतजार
बगैर लाइसेंस पटाखा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई, एडिशनल एसपी