इंदौर। संभागीय आयुक्त ने कुछ सरकारी स्कूलों की मरम्मत और रखरखाव में कथित तौर पर लगभग 60 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी करने के लिए तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) मंगलेश व्यास और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (एडीपीसी) नरेंद्र जैन को नोटिस जारी किया है।
स्कूलों की मरम्मत और रखरखाव में कथित भ्रष्टाचार की इंदौर जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन के नेतृत्व में एक विभागीय जांच में पहले ही तत्कालीन डीईओ, मंगलेश व्यास और एडीपीसी, नरेंद्र जैन को वित्तीय धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
जांच दिसंबर 2022 और मार्च 2023 के बीच 126 स्कूल संरचनाओं में से 80 की मरम्मत और रखरखाव पर केंद्रित थी।
जांच में पता चला कि इन 80 स्कूलों में कराए गए मरम्मत कार्य के वास्तविक मूल्यांकन से 59.04 लाख रुपये अधिक का भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त, जांच में पाया गया कि डीईओ और एडीपीसी ने स्वीकृत बजट का 50% स्कूल प्रधानाध्यापकों के बैंक खातों में जमा करने के बजाय सीधे ठेकेदारों को हस्तांतरित करके वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया। जांच अधिकारी ने मरम्मत कार्य का तकनीकी मूल्यांकन किया और इसमें शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। जांच में डीईओ और एडीपीसी द्वारा लापरवाही और धन के दुरुपयोग की भी जांच की गई।
जिला पंचायत सीईओ ने संभागीय आयुक्त दीपक सिंह को रिपोर्ट सौंपी थी, जिन्होंने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। सिंह ने कहा, “कुछ स्कूलों की मरम्मत और रखरखाव कार्यों की जांच में उनके खिलाफ लगाए गए वित्तीय गबन के आरोपों पर अपने बयान दर्ज करने के लिए व्यास और जैन को नोटिस दिया गया है।”
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