madhyabharatlive

Sach Ke Sath

धार। बिक्रीमूल्य से अधिक में शराब बेचने की बात लगातार आबकारी विभाग के संज्ञान में आने के बाद विभागीय अधिकारी कर्मचारियों का कहना था कि अगर कोई शिकायत करेगा तो हम कार्यवाही करेंगे। उसके बाद शिकायत का दौर शुरू हुआ।

धार जिले की कुक्षी तहसील की भी शिकायत की गई थी उसके बाद धार की जेतपुरा वाइन शॉप, हटवाड़ा वाइन शॉप और माण्डव नाका स्थित पिंडार खिड़की वाइन शॉप की शिकायत हुई। इन शिकायतों पर आबकारी विभाग कार्यवाही करने की वजाय अपनी सफाई पेश करने में लगा हुआ है।

Who will wake up the Excise Department from its Kumbhakaran-like sleep?

निराकरण में बनाई टेस्ट परचेसिंग की कहानी —

शिकायत के ऊपर आबकारी विभाग के व्रत अधिकारियों द्वारा निराकरण में बताया गया कि उन्होंने टेस्ट परचेसिंग किया जिसमें उन्हें शराब अधिकतम बिक्री मूल्य एमआरपी पर ही दी गई। जबकि सच्चाई को हमारे सारे पाठक भली भांति जानते हैं की शराब विक्रेताओं ने खुलेआम लूट मचा रखी है। यह लोग अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि इन लोगों ने आबकारी विभाग और पुलिस को भी खरीद लिया है, यह लोग अपने राजनीतिक रसूख के चलते इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं।

सिक्को की खनक का दबाव —

आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी है जो 5 से 7 शिकायत होने के बावजूद भी आबकारी विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। शिकायत भी मध्य प्रदेश के मुखिया द्वारा संचालित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन जिसे सीएम हेल्पलाइन कहते हैं, उस पर की गई है। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत वरिष्ठ अधिकारी यानी लेवल 3 तक पहुंच चुकी है। उसके बावजूद आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी कुंभकरण की नींद से जाग नहीं रहे हैं या फिर इन लोगों के ऊपर सिक्कों की खनक का दबाव इतना है कि वह दबाव इन्हें कार्यवाही नहीं करने दे रहा है।

Who will wake up the Excise Department from its Kumbhakaran-like sleep?

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी