26/10/2025

madhyabharatlive

Sach Ke Sath

उज्जैन। (सूरज मेहता) महाकाल मंदिर पेरिस में श्रावण मास से आम जनता के गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में जाकर पूजा की। एक बार फिर साबित हो गया है कि नियम सिर्फ आम जनता के लिए होते हैं। बड़े भक्त के सामने नियम कानून व्यवस्था सब ताक पर रख दिए जाते हैं।

महाकाल बाबा के लिए जब अमीर गरीब आदमी में कोई अंतर नहीं है तो महाकाल मंदिर समिति बड़े भक्तों के सामने तो नतमस्तक हो जाती है। वह भी ऐसे समय जब आचार संहिता प्रभावशील हो।

अपने साथ भेदभाव देख श्रद्धालु मन मसोस कर रह जाता है। जबकि होना यह चाहिए कि मुख्यमंत्री को आम श्रद्धालु की तरह नियम का पालन कर एक अच्छा संदेश आम जनता तक पहुंचाना चाहिए। याद रहे इन नेताओं को बनाने वाली यह भोली जनता ही है जो पांच साल में सिर्फ एक बार वोट देते समय याद की जाती है। मतदान होने के बाद जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है।

हालांकि महाकाल मंदिर समिति को मुख्यमंत्री के संज्ञान में नियम लाना चाहिए जिससे वो नियम का पालन करते। खैर तमाम कोशिशों के बाद भी महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर बदस्तूर जारी है। संभव है विरोधी पार्टी कांग्रेस इस मामले पर आपत्ति दर्ज करवा सकती है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान की पत्नी श्रीमती साधना सिंह भी हमेशा प्रतिबंध के बाद भी गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन पूजन करती रही हैं।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी