झरीघाट पर बना स्टाक डेम का लोहे का दरवाज़ा टूटने से पूरा पानी बह गया। जिम्मेदार लोग आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं।
सरदारपुर/धार। (योगेश गवरी) बीते दिनों वर्षा होने से नदीयों पर बने सभी स्टाक डेम फूल हो गए। डेम में पानी का बहाव तेज होने से रिंगनोद के झिरीघाट पर बने डेम का लोहे से बना दरवाजा टूट गया और स्टाक डेम का सारा पानी बह गया।
ज्ञात हो कि झरीघाट पर बने स्टाक डेम में महादेव घाट सूरत कुंड तक का पानी एकत्रित होता हैं जिससे किसानों के ट्यूबवेल और कुँए में जल स्तर का फायदा मिलता है। वर्षा के बाद करीब 2 महीनों तक इसमे पानी एकत्रित रहता हैं। जिससे किसानों को सिंचाई के पानी से कुछ समय तक राहत मिलती हैं।
बता दे कि रिंगनोद में जल स्तर बढाने व जल का कोई उचित स्त्रोत नही है। केवल एकमात्र झरीघाट में पानी एकत्रित होता है, जो काफी समय तक फायदेमंद होता है। लेकिन झरीघाट स्थित लोहे का बना दरवाजा टूटने से सारा पानी बह निकला जिससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। किसानों को उम्मीद थी कि एकत्रित पानी से गर्मी के दिनों में इसका लाभ होगा परन्तु नदी में एकत्रित सारा पानी बहने से किसानों को अभी से चिंता सताने लगी हैं।
इस परिस्थिति में जिम्मेदार लोग आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हुए। इससे पूर्व सरपंच द्वारा स्टाक डेमो के संरक्षण के हेतू प्रत्येक डैम के ₹40000 मद से आए थे मगर प्रत्येक स्टॉक डेम पर लिपापोटी कर दी गई थी और कुछ ही समय के बाद इन स्टॉक डेम के पालो के आइट साइड से पानी बहना रुक नहीं पाया। सतत पानी बहता रहा और और स्टॉक डेम से धीरे-धीरे पानी का रिसाव होता है और थोड़े समय के बाद ही स्टाक डेम का पुरा पानी खाली हो जाता है।

समय रहते अगर इस स्टॉक डेम को सुधार नहीं किया तो यहां पर पानी रुकना संभव नहीं हो पाएगा और जैसे ही गर्मी का समय शुरू होगा नगर एवं आसपास क्षेत्र में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी। समय रहते इनका सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर लेना चाहिए तभी यह सुरक्षित हो पाएंगे।
महादेवघाट से लेकर झरीघाट तक गहरीकरण का भी प्रयास किया गया।
रिंगनोद नगर के एक समाज सेवी भाई मुकेश पंवार का कहना है कि जल का कोई उचित एवं बड़ा स्रोत नही होने से नगर वासियो को गर्मी में जल की बड़ी समस्या आती है। नगर को जल की समस्या से झूझना पड़ता हैं। चारो और जल का संकट गहराने लगता हैं।
नगर रिंगनोद सरदारपुर तहसील की सबसे बड़ी पंचायत होने के बावजूद भी नगर वासी पानी के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ता है। जेसे तैसे पानी की व्यवस्था करना पड़ती है। महादेव घाट से लेकर झरीघाट तक गहरीकरण एवं पाले का निर्माण करने का ज्ञापन भी दिया लेकिन पंचायत के पदाधिकारी का सहयोग नही मिला एवं जिम्मेदार लोगो के द्वारा भी रुचि नहीं ली गई। इससे पूर्व भी पाले पर बने लोहे के दरवाजे टूट गए थे, जो बहुत दिनों में पंचायत द्वारा दुरस्त करवाए थे। बीते दिनों तेज वर्षा होने से पाले पर बना दरवाजा टूट गया और सारा पानी बह गया।
ग्राम पंचायत सचिव अखिलेश मोलवा का कहना है कि पहले स्टाक डेम पर बने लोहे के दरवाजों को ठीक करवाया जा रहा था तो कुछ लोगो ने उन्हें दरवाजे ठीक करने नही दिए अब पानी थोड़ा खाली हो जाएगा तो उनकी मरम्मत की जावेगी।
ग्रामवासियों का कहना है कि अब कभी वर्षा हो या ना हो कोई कह नही सकते। यदि जल्द ही दरवाजे ठीक नही किए गए तो जो पानी एकत्रित होना है वो सारा बह निकलेगा। जिससे हमारी चिंता बढ़ेगी। टूटे हुए दरवाजे को जल्द दुरस्त करने की मांग की, ताकि स्टाक डेम पुनः पानी से भर जाए। गर्मी के दिनों में हमारे नगर वासियों के लिए यह ‘डूबते को तिनके का सहारा’ बनेगा।
यही एकमात्र उम्मीद का सहारा हैं। इससे ही किसानो के ट्यूबवेल व कुँए लम्बे समय तक चलते हैं। इन्हें जल्दी ठीक किया जाना चाहिए।
 
                       
                       
                       
                       
                       
             
                                               
                                               
                                               
                                               
                                               
                
 
                   
                  
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