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Sach Ke Sath

Rural women are troubled, their husbands are alcoholics after working as laborers.

Rural women are troubled, their husbands are alcoholics after working as laborers.

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं परेशान, पति मजदूरी कर पिता है शराब

आबकारी की नाक के निचे होता है वेवैध अवैध शराब का खेला।

धार। प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा लाडली बहना जैसी योजनाओं को संचालित किया जा रहा है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हो सके। लेकिन आज के समय में महिलाओं को उनके पति शहर में ले जाकर ऑनलाइन दुकान से पैसे निकाल कर महिलाओं के साथ मार पीट कर उसी पैसे से शराब पीकर उधम मचाते हैं।

इसके पीछे सबसे बड़ा एक कारण यह है कि गांव की हर गली हर मोहल्ले में आसानी से शराब मिल रही है। क्योंकि शराब ठेकेदार डायरी के नाम पर गांव-गांव घर बैठे शराब पहुंचा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में शराब उपलब्ध नहीं होगी तो कैसे पिएंगे शराब —

ग्रामीण क्षेत्रों में अगर शराब उपलब्ध नहीं होती तो उनके पति शराब खरीदने के लिए शहर तक नहीं आते इससे ग्रामीण महिलाएं काफी हद तक सुखी और सुरक्षित महसूस करती। आबकारी विभाग की लापरवाही और अनदेखी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रही शराब से महिलाएं परेशान है। आए दिन शराब के नशे में महिलाओं को बेरहमी से पीटा जा रहा है। उसके पीछे भी सिर्फ और सिर्फ मुख्य कारण शराब है।

आबकारी विभाग सिर्फ अपने शुभ लाभ के चलते नहीं करता कार्यवाही —

आबकारी विभाग कई ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी और गृहस्थी उजाड़ रहा है। कई ऐसे प्रकरण सामने आते हैं। जिसमें महिलाएं कोर्ट में यह प्रकरण दर्ज कराती है कि उनके पति शराब के नशे में आए दिन उनके साथ मारपीट करते हैं।

ताजा उदाहरण में अगर देखा जाए तो धार के कोतवाली और नौगांव थाने में ऐसी कई महिलाओं के आवेदन पड़े हुए हैं। जिसमें महिलाओं द्वारा स्पष्ट रूप से लेख किया गया है कि उनके पति शराब के नशे में रात्रि 12 से दो-तीन बजे तक घर पहुंचते हैं। उसके बाद खूब मारा पीटी करते हैं। महिलाओं को इस प्रकार से पीटते हैं कि वह बेहोश ना हो जाय। जब महिलाएं पुलिस थाने शिकायत करने पहुंचती है तो पुलिस उन्हें यह कहकर पल्ला झाड़ लेती है कि हम शराबी को थाने पर नहीं रख सकते। कल से कुछ हो गया तो इसकी जवाबदारी किसकी रहेगी !

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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