पेयजल समस्या को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने नालछा ग्राम पंचायत का घेराव कर सरपंच को सुनाई खरी-खोटी।
15 दनो से किया जा रहा है पेयजल वितरण, ग्रामीणों का आरोप गंदा वह मटमैला पानी आ रहा है।
धार। नालछा से अशोक राठौर- भीषण गर्मी के चलते क्षेत्र में पेयजल संकट बढ़ता ही जा रहा है, नालछा विकासखंड मुख्यालय पर 15 दिन के अंतराल में पेयजल वितरण किया जा रहा है और जो पेयजल दिया जा रहा है वह भी मटमैला वह गंदा पानी मिल रहा है। बार-बार शिकायत के बावजूद भी व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को ग्राम पंचायत कार्यालय का घेराव करते हुए सरपंच को खरी-खोटी सुनाई। सरपंच द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने के कारण ग्रामीण और भी नाराज हो गए। इसके बाद ग्रामीणों ने सरपंच को गांव में ले जाकर समस्या को बताया जिस पर सरपंच ने जल्द ही निराकरण का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ों रुपया खर्च किए जाने के बावजूद भी ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, नालछा में भी करीब एक करोड़ की राशि खर्च करने के बावजूद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। विकासखंड मुख्यालय पर यह हालत है तो ग्रामीण अंचलों की क्या स्थिति होगी, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
15 दिन में मिल रहा है मटमैला पानी।
वर्तमान में नालछा ग्राम पंचायत द्वारा 15 दिनों के अंतराल में पेयजल वितरण किया जा रहा है जो कि आधे घंटे से कम समय तक ही मिल पाता है और जो पानी मिल रहा है वह भी मटमैला पानी आ रहा है, जिसके कारण ग्रामीण उसका उपयोग नहीं पा रहा कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश फूटा पंचायत का घेराव कर सरपंच को सुनाई खरी खोटी।
तमाम शिकायत के बावजूद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर ग्राम पंचायत पहुंचे जहां पर सरपंच मोहन डावर को समस्या को लेकर खरी-खोटी सुनाई।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीण हुए आक्रोशित
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा पेयजल स्थिति को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है। जिसके कारण ग्रामीणों में और भी आक्रोश का माहौल है।
सरपंच पहुंचे वार्डों में महिलाओं ने बताई पीड़ा
आक्रोशित ग्रामीण सरपंच डाबर को लेकर गांव के वार्ड में पहुंचे और वास्तविक स्थिति से रूबरू करवाया। वार्डों में महिलाओं ने पेयजल समस्या को लेकर अपनी पीड़ा बताई। जिस पर सरपंच डाबर ने जल्द ही उचित निराकरण का आश्वासन दिया।
सचिव के नहीं होने से दैनिक कार्य होते हैं प्रभावित
इधर ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत सचिव के ग्राम पंचायत में उपलब्ध नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत से संबंधित दैनिक कार्य भी प्रभावित होते हैं। यहां पर प्रतिदिन सचिव उपलब्ध होना चाहिए।
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