10/09/2025

madhyabharatlive

Sach Ke Sath

पुलिस ने धारा 307 के मामले को मामूली धाराओं निपटाया।

सरदारपुर/धार। जिले की सरदारपुर तहसील अंतर्गत आने वाले दसई चौकी के ग्राम चोटिया बलौद में गणपति विसर्जन के जुलूस में कहासुनी के बाद दूसरे दिन एक युवक को पड़कर पड़ोसियों ने जमकर पीट दिया। बीच बचाव में आए युवक के माता-पिता को भी लाठी डंडों से घायल कर दिया, जिनका उपचार धार के निजी चिकित्सालय में चल रहा है।

Dispute during Ganpati immersion led to bloody clash at the police station

प्राप्त जानकारी के अनुसार चोटिया बालोद निवासी छगन मुनिया उम्र 19 साल एवं जगदीश मुनिया उम्र करीब 55 वर्ष श्यामू बाई उम्र करीब 50 वर्ष जाति भील के साथ गांव के ही राहुल कटारा, भूरा कटरा, धन सिंह कटारा, बाबू पिता गलू कटरा एवं तेज सिंह पिता गलु कटारा और शुशीला पिता बाबू , अम्बुडी पति बाबू द्वारा मारपीट की गई।

मारपीट के बाद फरियादी छगन दसई चौकी पर शिकायत करने पहुंचा जहां पर पुलिस ने मारपीट की धाराओं सहित प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। वहीं से घायल महिला श्यामू बाई एवं उनके पति जगदीश और छगन तीनों का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण धार के निजी चिकित्सालय में भेजा गया। जहां पर इन लोगों का उपचार जारी है।

Dispute during Ganpati immersion led to bloody clash at the police station

बताया जा रहा है कि उक्त घटना में श्यामू बाई को शिर में गंभीर चोटे आई है। जिसकी वजह से श्यामू बाई पुलिस चौकी पर ही बेहोश हो कर गिर गई थी।

राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस नहीं कर पा रही कार्यवाही —

फरियादियों द्वारा बताया जा रहा है कि आरोपी पक्ष सरपंच के करीबी हैं जो की राजनीतिक दबाव बना रहा है। दबाव के चलते पुलिस निष्पक्षता से कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

Dispute during Ganpati immersion led to bloody clash at the police station

पुलिस की कार्यवाही से नाराज फरियादी पहुंचा एसपी ऑफिस —

उक्त फरियादी छगन निजी चिकित्सालय से उपचार के बाद स्वस्थ होते ही जिला पुलिस अधीक्षक महोदय के पास गुहार लगाने पहुंचा। छगन द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक महोदय को एक लिखित आवेदन प्रस्तुत कर बताया गया कि उसके परिवार जनों के साथ इन लोगों द्वारा मारपीट की गई। बावजूद इसके पुलिस ने राजनीतिक रसूख के चलते दो महिला और दो पुरसो के नाम FIR में पंजीबद्ध नहीं किया और पक्षपात पूर्ण तरीके से कार्यवाही की जा रही है। आरोपियों को राजनीतिक दबाव के चलते संरक्षण दिया जा रहा है।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी