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60 बुलडोजर और 600 कर्मियों का दल; प्रशासनिक अमले ने मुक्त कराई 900 बीघा वनभूमि।

गुना। जिले में भू-माफिया के खिलाफ बुलडोजर का गरजना जारी है। गुरुवार को चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र में अब तक की बड़ी कार्रवाई हुई। वन, राजस्व और पुलिस का 600 का अमला जब 60 बुलडोजर लेकर आगे बढ़ा, तो लगा मानो युद्ध के लिए सेना आगे बढ़ रही हो।

इसके साथ ही खेड़ी कमलपुर और देदला में 41 कब्जेधारियों से 900 बीघा वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

दरअसल, माफिया के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश मुख्यमंत्री पूर्व में दे चुके हैं, तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वयं माफिया को जड़ से उखाड़ फेंकने प्रशासन को सख्ती से पेश आने दबाव बनाए हुए हैं। यही वजह है कि जिले में लगातार भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई निरंतर चल रही है।

इसी क्रम में गुरुवार को कलेक्टर डा. सतेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा और वन मंडलाधिकारी अक्षय राठौर के मार्गदर्शन में चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र के खेड़ी कमलपुर व देदला में भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई।

600 का अमला और 60 बुलडोजर —

इस दौरान चांचौड़ा एसडीएम रवि मालवीय, एसडीओपी दिव्या राजावत के नेतृत्व में रेंजर सौरभ द्विवेदी, थाना प्रभारी, तहसीलदार सहित वन, राजस्व और पुलिस अमला के अलावा वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस अश्रुगैस गोला दल सहित 600 का अमला और 60 बुलडोजर से न केवल फसलों को नष्ट किया गया, बल्कि अतिक्रमण रोधी गड्ढे भी खोदे गए। बुलडोजर गुना व राघौगढ़ के अलावा राजगढ़ ब्यावरा, सुठालिया और मनोहरथाना राजस्थान से बुलवाना पड़े थे।

विरोध पर बांडओवर की कार्रवाई —

उक्त कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध किया, तो बांडओवर की कार्रवाई की गई। देदला गांव में तालाब के तीनों तरफ वनभूमि पर कब्जा किया गया था। बकायदा पत्थरों की बाउंड्री बनाकर खेत बनाए गए थे।

वन अधिकारियों के मुताबिक वनभूमि के आसपास कुछ लोगों की निजी जमीन भी है, लेकिन भू-माफिया ने उनके खेतों में जाने वाले पानी को भी रोक दिया था। इससे विवाद की स्थिति भी बनती रही थी।

अब तक की 12वीं कार्रवाई —

वन मंडलाधिकारी अक्षय राठौर के निर्देशन में चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र में यह 12वीं कार्रवाई है। इससे पहले पागड़ीघटा से 200 बीघा, बटावदा में 150 बीघा, चारणपुरा में 80 बीघा, सागोड़िया में 90 बीघा वनभूमि, चांचौड़ा में 15 बीघा बेशकीमती चौराहा की वनभूमि को मुक्त कराया गया है। उक्त अतिक्रमण वर्षों पुराने थे, जिनमें बेदखली की कार्रवाई हो चुकी है।

2016 में वन अमले पर हुआ था प्राणघातक हमला —

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक खेड़ी कमलपुर में फरवरी 2016 में जब वन विभाग का अमला पड़त वनभूमि पर अतिक्रमण की रोकथाम के लिए अतिक्रमण रोधक खंती खुदवा रहा था, तब कमलपुर गांव के मीना एवं कुलंबह गांव के गुर्जर समाज के लोग एकराय होकर लाठी, डंडा, फर्सा लेकर झगड़ा करने आ गए थे, तब कार्रवाई प्रभावित हुई और स्थगित कर दी गई थी।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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